देश में 6जी और एआई तकनीक को बढ़ावा देने के लिए टीईसी और आईआईटी बॉम्बे में करार

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नई दिल्ली : देश में 6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सैटेलाइट संचार, सिग्नलिंग प्रोटोकॉल और अगली पीढ़ी की नेटवर्क तकनीकों पर काम करने के लिए संचार मंत्रालय के तहत आने वाले टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के साथ समझौता किया है। दोनों संस्थान मिलकर 6जी नेटवर्क, एआई आधारित दूरसंचार प्रणाली, सस्ती सैटेलाइट कनेक्टिविटी और स्मार्ट नेटवर्क जैसी तकनीकों पर शोध करेंगे। इसके तहत भारत में बने मानक और परीक्षण ढांचे तैयार करेंगे ताकि देश की जरूरतों के मुताबिक तकनीक विकसित हो।

 

संचार मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि इससे भारत की भूमिका अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संस्थाओं जैसे आईटीयू और 3जीपीपी में और मजबूत होगी। साथ ही, देश में दूरसंचार उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, इससे विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम होगी।

 

टीईसी, संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग का तकनीकी संगठन है, जो देश में टेलीकॉम उपकरणों और नेटवर्क के मानक तय करता है। वहीं, आईआईटी बॉम्बे देश का प्रमुख शोध संस्थान है, जो 5जी-6जी, एआई और नेटवर्क सिग्नलिंग जैसी उन्नत तकनीकों पर काम करता है।

 

यह समझौता शुक्रवार को आईआईटी बॉम्बे में हुआ। टीईसी की ओर से उप महानिदेशक अमित कुमार श्रीवास्तव और आईआईटी बॉम्बे की ओर से अनुसंधान एवं विकास डीन प्रोफेसर सचिन पटवर्धन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर टीईसी के वरिष्ठ अधिकारी सैयद तौसीफ अब्बास, जितेंद्र बी. चव्हाण और आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर प्रसन्ना एस. चपोरकर भी मौजू

द रहे।

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