साँची विश्वविद्यालय कर रहा मेज़बानी-वियतनाम, म्यांमार और श्रीलंका सहित 150 देशों से पहुंचे विद्वानरायसेन : मध्य प्रदेश के रायसेन जिला स्थित साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में रविवार, 23 नवंबर से तीन दिवसीय इंडियन सोसायटी फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज का रजत जयंती सम्मेलन आरंभ हो रहा है। सम्मेलन में वियतनाम, म्यांमार और श्रीलंका के अलावा देश-विदेश के 150 से अधिक प्रतिष्ठित बौद्ध विद्वान पहुंचे हैं, जो बौद्ध दर्शन, संस्कृति और इतिहास पर अपने विचार साझा करेंगे।
जनसम्पर्क अधिकारी अनुभा सिंह ने शनिवार को बताया कि इंडियन सोसायटी फॉर बुद्धिस्ट स्टडीज की स्थापना सन 2000 में बौद्ध धर्म-दर्शन-संस्कृति और पुरातत्व से जुड़े उदीयमान विद्वानों को एक संयुक्त मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी, जिसका लक्ष्य था कि विभिन्न विधाओं में काम करने वाले विद्वान मिलें, साथ बैठें, अपने शोध को साझा करें और एक दूसरे से सीखें। इसी कड़ी में अपने रजत जयंती वर्ष में संस्था का वार्षिक सम्मेलन साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान उद्घाटन व समापन सत्र के अतिरिक्त चार समानांतर सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें बौद्ध दर्शन, इतिहास, साहित्य, और समकालीन बौद्ध विमर्श पर शोध प्रस्तुत किए जाएंगे। बौद्ध विरासत कला एवं पुरातात्विक दृष्टि से समृद्ध मध्य प्रदेश में शोध कार्य की अपार संभावनाएं हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए आईएसबीएस में बौद्ध कला एवं स्थापत्य पर विशेष सत्र रखा गया है जिसमें इन पक्षों पर विशेष प्रकाश डाला जाएगा।
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार सम्मेलन में बौद्ध एवं भारतीय अध्ययन के मूर्धन्य विद्वान प्रो. जीसी पाण्डे पर भी विशेष सत्र होगा। प्रो. पाण्डे के लेखन, कार्यों और दृष्टिकोण पर चर्चा होगी, जिसमें उनकी बेटी और मशहूर इतिहासविद प्रो सुष्मिता पाण्डे अपने विचार रखेंगी। साँची विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर वैद्यनाथ लाभ के बौद्ध एवं सनातन संस्कृति के प्रति अवदानों पर आधारित अभिनंदन ग्रंथ का भी विमोचन समारोह के दौरान करेंगे। देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों जैसे नव नालंदा महाविहार, दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, कोलकाता विश्वविद्यालय, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, सागर विश्वविद्यालय सहित अनेक संस्थानों के प्रोफेसर और शोधार्थी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और पंजाब समेत -कोलकाता, पुणे, नागपुर, चेन्नई, लखनऊ, पटना और बनारस से भी प्रतिनिधि पधार रहे हैं।
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