नौसेना सीहॉक हेलीकॉप्टर एमएच-60आर की दूसरी स्क्वाड्रन 17 दिसंबर को शुरू करेगी

नई दिल्ली : अमेरिकी एमएच-60आर सीहॉक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर की दूसरी स्क्वाड्रन गोवा के आईएनएस हंसा में 17 दिसंबर को शुरू की जाएगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की मौजूदगी में आईएनएएस 335 की कमीशनिंग भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण और समुद्री क्षमता बढ़ाने की लगातार कोशिशों में अहम पल होगा। इससे भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री युद्धक क्षमता और मजबूत होगी।

 

भारतीय नौसेना ने पिछले साल मार्च में पारंपरिक वॉटर कैनन सलामी के साथ कोच्चि के आईएनएस गरुड़ पर बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर एमएच-60आर की पहली स्क्वाड्रन को आईएनएएस 334 के रूप में औपचारिक रूप से हवाई बेड़े में शामिल किया था। भारतीय नौसेना ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 24 हेलीकॉप्टर 2.6 अरब डॉलर में खरीदे हैं। यह सौदा फरवरी, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय हुआ था। अब तक 19 एमएच-60आर सीहॉक भारत आ चुके हैं। भारत ने पिछले माह 28 नवंबर को पांच साल के लिए एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की मरम्मत, परीक्षण और रखरखाव की सुविधा देश में ही देने के लिए अमेरिकी कंपनी के साथ समझौता किया है।

 

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में अमेरिकी सरकार के साथ किये गए इस समझौते की लागत लगभग 7,995 करोड़ रुपये है। यह करार होने से नौसेना की ऑपरेशनल उपलब्धता, क्षमता निर्माण और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अमेरिकी सरकार से मिलने वाली तकनीक से हर मौसम में काम करने वाले एमएच 60आर हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता और रखरखाव को बढ़ावा मिलेगा, जिनमें पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता भी है। इसके अलावा यह सहयोग इन हेलीकॉप्टरों को अलग-अलग जगहों के साथ-साथ जहाजों से भी ऑपरेशन करने में मदद करेगा, जिससे उनके सभी प्राइमरी और सेकेंडरी मिशन/रोल्स के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जा सकेगा।

 

मंत्रालय के मुताबिक गोवा के आईएनएस हंसा में एमएच 60आर हेलीकॉप्टर की दूसरी स्क्वाड्रन आईएनएएस 335 शुरू होने से भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ावा देने के साथ हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारतीय नौसेना की समुद्री उपस्थिति मजबूत होगी। उन्नत हथियार, सेंसर और एवियोनिक्स सूट से लैस सीहॉक भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा जरूरतों के लिहाज से बनाया गया है। अत्याधुनिक मिशन सक्षम प्लेटफार्मों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की विभिन्न एएसडब्ल्यू क्षमता को काफी बढ़ावा मिलेगा।

 

बहुउद्देश्यीय अमेरिकी समुद्री हेलीकॉप्टर एमएच-60आर को पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह रोधी युद्ध, खोज और बचाव, चिकित्सा निकासी के लिए डिजाइन किया गया है। इस हेलीकॉप्टर में नाइट विजन उपकरण, हेलिफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं। रोमियो हेलीकॉप्टर में लगे राडार और सेंसर न केवल पानी के अंदर, बल्कि पनडुब्बियों की पहचान करके समय रहते उनका शिकार भी कर सकेंगे। यह हेलीकॉप्टर कई अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस हो सकता है, क्योंकि इसमें हथियारों को लगाने के लिए चार प्वाइंट्स दिए गए हैं। सुरक्षा के लिए इसमें 7.62 एमएम की मशीन गन को भी लगाया जा सकता है। यह एयरक्राफ्ट फ्लीट ऑपरेशन्स के साथ पूरी तरह से इंटीग्रेटेड है और इसने कई मौकों पर अपनी काबिलियत साबित की है।

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