नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) 10 दिसम्बर को अपना सिल्वर जुबली मनाने जा रहा है। भारत में 28 सितम्बर, 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया। 12 अक्टूबर, 1993 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया। इंसानी अधिकारों को पहचान देने और वजूद को अस्तित्व में लाने के लिए संंयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसम्बर, 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को आधिकारिक मान्यता दी गई। प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। यह मानवाधिकार दिवस एनएचआरसी इंडिया के लिए विशेष महत्व मानता है, क्योंकि यह अपने अस्तित्व के 25 वर्षों का जश्न मना रहा है। आयोग ने मानव अधिकारों के प्रचार और संरक्षण में लोगों की सीधी भागीदारी की तलाश करने के लिए अपनी रजत जयंती में कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इनमें हैं- मानवाधिकार चलना, मानवाधिकार सड़क थियेटर त्योहार, मानवाधिकार नारे और एनएचआरसी लोगो डिजाइनिंग प्रतियोगिताएं, मानवाधिकार प्रतिज्ञा दूसरों के बीच। पिछले 25 वर्षों के दौरान 12 अक्टूबर, 1993 को अपनी स्थापना के बाद आयोग ने मानवाधिकारों की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। संसद द्वारा पारित मानवाधिकार अधिनियम के संरक्षण के अनुसार एनएचआरसी दुनिया के अधिकांश मानवाधिकार संस्थानों की तरह एक अनुशंसात्मक निकाय है।
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