सरयू तट पर इतिहास का अनावरण: क्वीन हो की प्रतिमा से अयोध्या–कोरिया के 2000 वर्ष पुराने रिश्ते हुए और मजबूत

अयोध्या : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रामनगरी अयोध्या को वैश्विक सांस्कृतिक पहचान दिलाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बुधवार को देखने को मिला। सरयू तट से सटे क्वीन हो मेमोरियल पार्क में अयोध्या की राजकुमारी एवं दक्षिण कोरिया की महारानी हो (क्वीन हो) की भव्य कांस्य प्रतिमा का विधिवत अनावरण महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने किया। यह ऐतिहासिक अवसर भारत और कोरिया गणराज्य के बीच लगभग 2000 वर्ष पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने वाला है। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुई। इसके पश्चात विधि-विधान से महारानी हो की प्रतिमा का अनावरण किया गया, जिसने उपस्थित जनसमूह को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया।

 

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में जुड़ा नया आयाम

 

महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि आज का दिन भारत और कोरिया गणराज्य के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नया और विशेष आयाम जोड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि अयोध्या की वह राजकुमारी, जो लगभग 2000 वर्ष पूर्व समुद्री मार्ग से कोरिया गई थीं, वहां के कांस्य वंश की जननी मानी जाती हैं। आज भी दक्षिण कोरिया में उनका गहरा सम्मान और व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है।

 

सरकारों की पहल से सजी सांस्कृतिक विरासत

 

महापौर ने कहा कि केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत–कोरिया के इन ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को समय रहते पहचानते हुए सरयू तट पर क्वीन हो मेमोरियल पार्क का निर्माण कराया। उसी क्रम में महारानी हो की प्रतिमा की स्थापना हम सभी के लिए गर्व, श्रद्धा और शुभ अवसर का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हम अपने उस पूर्वज को श्रद्धा के साथ स्मरण कर रहे हैं, जिन्होंने अयोध्या से कोरिया जाकर दोनों प्राचीन सभ्यताओं के बीच सेतु का कार्य किया।

 

प्रतिमा की विशेषताएं और ऐतिहासिक महत्व

 

पार्क की चीफ कोऑर्डिनेटर वंदना शर्मा ने बताया कि क्वीन हो मेमोरियल पार्क अयोध्या और कोरिया के ऐतिहासिक रिश्तों का प्रतीक स्थल है। महारानी हो अयोध्या की राजकुमारी थीं, जो लगभग 2000 वर्ष पूर्व समुद्री मार्ग से कोरिया गईं और वहां के राजा से विवाह किया। उनके माध्यम से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों की मजबूत नींव पड़ी। उन्होंने जानकारी दी कि स्थापित की गई प्रतिमा लगभग 12 फुट ऊंची है। रॉक स्टोन मटेरियल से निर्मित यह प्रतिमा अत्यंत आकर्षक ढंग से डिजाइन की गई है। इसका निर्माण कोरिया के कुशल कारीगरों द्वारा किया गया है और इसे अयोध्या तक पहुंचाने में लगभग 20 दिन का समय लगा।

 

अतीत से होगा वर्तमान का साक्षात्कार

 

पार्क में आने वाले दर्शकों का गौरवशाली अतीत से साक्षात्कार हो और भावी पीढ़ी भी इतिहास से अवगत हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। पार्क में ध्यान केंद्र, प्रदर्शनी कक्ष के साथ विशाल सरोवर एवं उस पर आकर्षक सेतु का निर्माण किया गया है। सेतु के एक छोर पर राजा सूरो का किंग पवेलियन तथा दूसरे छोर पर अयोध्या का प्रतिनिधित्व करता रानी हो का क्वीन पवेलियन स्थित है। राजकुमारी श्रीरत्ना की कोरिया यात्रा की प्रतीकात्मक नाव तथा मार्ग में प्राप्त गोल्डन एग भी पार्क में स्थापित किया गया है।

 

उल्लेखनीय है कि करीब 21 करोड़ रुपये की लागत से विकसित क्वीन हो मेमोरियल पार्क का निर्माण सितंबर 2019 में प्रारंभ हुआ था और नवंबर 2021 में इसका कार्य पूर्ण कर लिया गया था। इस पार्क का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में मार्च 2024 में किया था। पार्क में मेडिटेशन हॉल, क्वीन पवेलियन, किंग पवेलियन, वाटर टैंक, फुट ओवर ब्रिज, सब स्टेशन, ट्यूबवेल, पाथवे, शौचालय, फाउंटेन, ओपन एयर थिएटर, लैंडस्केपिंग, स्कल्प्चर, गार्ड रूम, म्यूरल, ऑडियो–वीडियो सिस्टम, बाउंड्री वॉल, पार्किंग तथा पॉण्ड जैसी आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया गया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com