धर्म की रक्षा के लिए सिख गुरुओं का बलिदान सर्वोच्च: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ : सिख गुरु गोबिन्द सिंह के साहिबजादों के बलिदान दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मुख्यमंत्री आवास पर मनाया गया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर कीर्तन समागम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर सिख गुरुओं के साथ गुरु गोबिन्द सिंह के साहिबजादों बाबा अजित सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को नमन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे अपनी गति को प्रगति की ओर लेकर जाना है, दुर्गति की ओर लेकर नहीं जाना है।

 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास भारत के अंदर भक्ति और शक्ति का एक अदभुत तेज का इतिहास है। उन्होंने जो उस समय मानवता को लेकर कार्य किये, पाखंड के खिलाफ आवाज उठाई थी। तब साधन नही थे, लेकिन साधन के अभाव में साधना से सिद्धि का प्रभाव दिखाया था। धर्म रक्षा के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज का यह वीर बाल दिवस का कार्यक्रम ऐसे ही गुरु परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। गुरु गाेबिन्द साहब के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर यहीं पर हम सबने तय किया था कि वीर बाल दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाए।

 

याेगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सिखों की आवाज को सुना। उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय समारोह के रूप में शुरू किया। बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के इतिहास पर चर्चा कर नयी पीढ़ी को प्रेरणा देने का कार्य किया है। उन्होंने उस समय पाखंड के खिलाफ आवाज उठाई, मानवता के लिए कार्य किया। देश और दुनिया में प्रचार किया। उस समय प्रचार के माध्यम नहीं थे। वे सब जगह पहुंचे। उन्होंने समाज, स्वदेश और स्वधर्म के लिए कार्य करना चुना।

 

मुख्यमंत्री याेगी ने कहा कि जिस दुष्ट औरंगजेब ने गुरुतेगबहादुर जी को चुनौती दी थी। उसने उन्हें सामान्य मनुष्य समझा था। यह उसकी भूल थी। याद कीजिए आज 140 करोड़ का हिन्दुस्तान और दुनियाभर में जहां भी सनातनी और सिख रह रहे हैं, गुरुतेग बहादुर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। दुष्ट औरंगजेब को याद करने वाला कोई नहीं बचा है। आज भारत के हर क्षेत्र में यह कार्यक्रम हो रहा है। हमारे यहां तो स्कूलों में प्रतियोगिता हो रही है। वीर बाल दिवस पर निबंध लेखन प्रतियोगिता की जा रही है। आरएसएस के अभियान में भी वीरबाल दिवस के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। यह इसलिए क्यों कि हम गुरुओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर सकें। उन गुरुओं का त्याग और बलिदान अपने परिवार के लिए, अपने लिए नहीं था। हम सबके लए था। दुष्ट औरंगजेब को कोई पूछने वाला नहीं है। वह कब मरा। उसका मकबरा कहां है। उसका जन्म कब हुआ। एक दिया जलाने वाला कोई नहीं है।

 

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, असीम अरुण, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल, एमएलसी महेन्द्र सिंह, पवन सिंह चौहान, सरदार गुरुविंदर सिंह छाबड़ा, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं गृह संजय प्रसाद समेत अन्य महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहे।

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