सरकार की आर्थिक मदद मिलने के बाद इनमें से कई बैंक आरबीआइ के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन नियम के दायरे से निकल जाएंगे

सरकारी बैंकों को इस महीने के अंत तक करीब 28,000 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी दिए जाने की घोषणा के बाद चुनिंदा पीएसयू बैंकों के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई है। शुक्रवार की ट्रेडिंग के दौरान केनरा बैंक, पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी), विजया बैंक और सिंडीकेट बैंक के शेयर तीन महीने के उच्चतम स्तर को छूने में सफल रहे।

इन चारों बैंकों के अलावा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, इंडियन बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में 1-8 फीसद तक का उछाल आया।

पिछले दो महीनों के दौरान पीएसयू बैंक इंडेक्स में करीब 20 फीसद तक की मजबूती आई है, जबकि इस दौरान बेंचमार्क इंडेक्स में करीब 9 फीसद का उछाल देखने को मिला है।दिसंबर अंत तक सबसे ज्यादा 10,086 करोड़ रुपये की राशि बैंक ऑफ इंडिया को जारी होगी। दूसरे स्थान पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) है, जिसे 5,500 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं यूनाइटेड बैंक को 2159 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 1678 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 3056 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 4498 करोड़ रुपये और सिंडीकेट बैंक को 1638 करोड़ रुपये दिए जा सकते हैं।

सरकार की आर्थिक मदद मिलने के बाद इनमें से कई बैंक आरबीआइ के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) नियम के दायरे से निकल जाएंगे। इससे आम जनता समेत छोटे व मझोले उद्योगों को ज्यादा कर्ज मिलने का रास्ता भी साफ होगा क्योंकि पीसीए की वजह से अभी 11 बैंकों की कई गतिविधियों पर पाबंदी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कहा था कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों को 41 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद दी जाएगी। इस मदद के लिए राशि जुटाने को सरकार ने सदन से मंजूरी भी हासिल कर ली है। इस वर्ष सरकार की तरफ से बैंकों को 65 हजार करोड़ के बांड्स जारी होने थे। 23 हजार करोड़ के बांड्स पहले जारी हो चुके हैं जबकि शेष 41 हजार करोड़ के बांड्स अब जारी करने की तैयारी है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान एनपीए में कमी आई है। इस वर्ष मार्च के आखिर में सरकारी बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) 9.60 लाख करोड़ का था जो सितंबर में घट कर 9.46 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

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