नई दिल्ली. ज्यादातर सांसद किसी न किसी संसदीय कमिटी के सदस्य रहते हैं. लेकिन, बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह इसे फॉलो नहीं करेंगे. लगभग 50 राज्यसभा सांसदों के रिटायरमेंट और दोबारा चुनाव के बाद 8 स्टैंडिंग कमिटी का पुनर्गठन होना है. बीजेपी सूत्रों के अनुसार, पार्टी की तरफ से जो लिस्ट जमा की गई है उसमें अमित शाह का नाम नहीं है.
अमित शाह के किसी पैनल में नहीं शामिल होने का बचाव करते हुए एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने अंग्रेजी अखबार द हिंदू से कहा, अमित शाह से पहले भी कई पार्टियों के अध्यक्ष ने ऐसा किया है. उदाहरण के तौर पर देखें तो सोनिया गांधी किसी भी संसदीय कमिटी का हिस्सा नहीं थीं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती भी राज्ससभा का सदस्य होते हुए किसी भी पैनल का हिस्सा नहीं रहीं हैं.
कोई लिखित नियम नहीं है
बता दें कि ऐसा कोई भी लिखित नियम नहीं है कि कोई सासंद किसी न किसी संसदीय कमिटी का हिस्सा है. ज्यादातर सांसद इसे फॉलो करते आ रहे हैं, इसलिए ये एक परंपरा की तरह बन गया है. सीपीआई(एम) महासचिव सीताराम येचुरी अपने राज्यसभा के कार्यकाल के दौरान ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म और कल्चर के पैनल को लीड करते रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वित्त कमिटी का हिस्सा रहे हैं. कहा जाता है कि वह हर मीटिंग में मौजूद रहते थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विदेश मामलों की कमिटी का हिस्सा हैं.
24 स्टैंडिंग कमिटी
बता दें कि 24 स्टैंडिंग कमिटी है. इसमें 8 राज्यसभा के साथ और 16 लोकसभा के साथ हैं. वे सुरक्षा और जवाबदेही के सेकंड लेयर में काम करते हैं. पिछले साढ़े तीन साल में 72 बिल में से सिर्फ 7 बिल स्टेंडिंग कमिटी में विधायी जांच के लिए गई हैं. विपक्ष आरोप लगा रही है कि सरकार स्टैंडिंग कमिटी के सिस्टम को खत्म कर रही है.