विश्व पर्यावरण दिवस पर अगर बात राजधानी भोपाल कि जाये तो स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 और 2018 में लगातार भोपाल देश में दूसरे स्थान पर काबिज रहा मगर वायु प्रदूषण के आंकड़े जरा उलट है. भोपाल में वायु प्रदुषण लगातार बढ़ रहा है. वही इंदौर इस मामले में सुधार की ओर अग्रसर है. जानकारी मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल (पीसीबी) की रिपोर्ट से ली गई है जिसके अनुसार भोपाल शहर में 6 स्थानों पर वायु मापन केंद्र बनाए गए हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के आंकड़ों में रेस्पायरेबल सस्पेंडेड पार्टीकुलर मेटर (आरएसपीएम-10) यानी बड़े धूल के कण और पीएम 2.5 (धूल के सूक्ष्म कण) के परिणाम सबसे अधिक पाए गए हैं. वर्ष 2018 में जनवरी से जून महीने तक प्रदूषण स्तर बढ़ा हुआ मिला है. जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में एक्यूआई के आंकड़े संतोषजनक थे.
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक प्रदूषण हमीदिया रोड, कोलार रोड, बैरागढ़, गोविंदपुरा, होशंगाबाद रोड पर है. सिर्फ पर्यावरण परिसर (अरेरा कॉलोनी) क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक व अच्छा मिला है. वहीं, इंदौर में विजय नगर, सांवेर रोड, कोठारी मार्केट में वायु प्रदूषण मापक उपकरण लगाए गए हैं.यहां वर्ष 2017 और 18 की रिपोर्ट आशा से बेहतर है. पीसीबी के मानकों के मुताबिक 0 से 50 एक्यूआर इंडेक्स तक की हवा को अच्छा और श्वसन के लिए बेहतर माना जाता है.
भोपाल में अगर वायु प्रदुषण के कारण की बात करे तो रिपोर्ट के अनुसार हमीदिया रोड, कोलार, बैरागढ़ और होशंगाबाद रोड पर वाहनों की संख्या के कारण धुआं और धूल के कण हवा में घुलते हैं. सड़क के किनारे या सेंट्रल वर्ज पर पौधे नहीं हैं. सड़क की नियमित सफाई और धुलाई नहीं होने से धूल के कण हवा में लगातार उड़ते रहते हैं. जिससे आरएसपीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ी हुई है.
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal