हरिद्वार : यूपी के प्रयागराज में महाकुम्भ के आयोजन पर धर्मनगरी हरिद्वार के पंडितों ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि अर्धकुम्भ पर्व को महाकुम्भ प्रचारित कर योगी सरकार लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है। जबकि, शास्त्रों में महाकुम्भ नाम का कोई शब्द ही नहीं है। जानकारों का कहना है कि यूपी की योगी सरकार इस आयोजन को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन सरकार की नीयत साफ नहीं है। सरकार का अर्धकुम्भ को महाकुम्भ कहकर प्रचारित करना अनुचित है। उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ को तो शास्त्रों की जानकारी होनी चाहिए। लेकिन सीएम बनने के बाद कैसे उनका ज्ञान कमजोर पड़ गया ये बड़ी चिंता का विषय है।
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि शास्त्रों में कुंभ और अर्धकुम्भ का विधान है तो कैसे कोई जानकार व्यक्ति अर्धकुम्भ को महाकुम्भ कहकर प्रचारित कर सकता है। कुम्भ उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयागराज में होता है। अर्धकुम्भ एक परम्परा है इसे महाकुम्भ बोलना अनुचित है। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि शास्त्रो में अर्धकुंभ का वर्णन मिलता और कुम्भ का वर्णन भी है। महाकुम्भ जैसे शब्द का शास्त्रों में कोई उल्लेख नहीं है। अर्धकुम्भ केवल हरिद्वार और प्रयागराज में होता है। जबकि, शाही सवारियां केवल प्रयागराज में निकलती हैं। ऐसे में नई-नई परिभाषाओं को गढ़ने से आम जनमानस में भ्रांतियां फैलती हैं। आगामी 2021 में हरिद्वार में कुम्भ होगा। महाकुम्भ जैसा शब्द गढ़कर लोगों तक गलत जानकारियां पहुंचना ठीक नहीं है।
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