नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए अब समय आ गया है कि देश में बड़े और प्रभावी बैंक हो। भले ही देश में बैंकों की संख्या कम हो, लेकिन उनकी वित्तीय माली हालत विश्वस्तीय बैंकों के समान हो। जेटली ने कहा कि भारत को कम और मेगा बैंकों की जरूरत है, जो वित्तीय तौर पर मजबूत हो, क्योंकि उधार लेने की दरों से लेकर अधिकतम उपयोग के पैमाने तक, जहां तक बैंकिंग क्षेत्र का संबंध है, इससे बड़े पैमाने पर मदद मिलती है।
सोमवार को आरबीआई बोर्ड बैठक में भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने लाभ के एक हिस्से को सरकार को हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी। आरबीआई बोर्ड ने अंतरिम लाभांश के रूप में 28,000 करोड़ (4 बिलियन डॉलर) को मंजूरी दी। यह दूसरा वर्ष है जब आरबीआई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को अग्रिम भुगतान की घोषणा की है। अंतरिम लाभांश दिए जाने को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक बिमल जालान की अगुवाई वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेगा। दास ने कहा कि आरबीआई 21 फरवरी को बैंक प्रमुखों के साथ दरों में कटौती के मुद्दे पर चर्चा करेगा।
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