दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में बिछी धुल की चादर, 24 से 48 घंटे में राहत की उम्मीद

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में धूल भरी हवाओं ने पूरा वातावरण बदल कर रख दिया है. उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में 25 से लेकर 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है. यह हवाएं राजस्थान से होते हुए पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच रही है.

मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 2 दिनों से चल रही धूल भरी गर्म हवाओं की वजह से वातावरण में महीन कणों की मात्रा काफी बढ़ गई है. ऐसा अनुमान है कि 15 जून की शाम से दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में धूल की मात्रा से गर्मी शुरू हो जाएगी, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उत्तर पश्चिम भारत में आंधी पानी की एक्टिविटी बढ़ जाएगी.

मौसम विभाग के डायरेक्टर कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक राजस्थान से आ रही धूल भरी हवाएं जमीन की सतह से ढाई किलोमीटर ऊंचाई तक जा रही हैं. इन हवाओं की रफ्तार 35 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा रही है. राजस्थान से चलकर हवाएं जब दिल्ली के पास पहुंच रही हैं तो यहां पर एंटी साइक्लोनिक सरकुलेशन के चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश की तरफ मुड़ नहीं पा रही है.

इसकी वजह से दिल्ली एनसीआर के ऊपर धूल की मात्रा ज्यादा इकट्ठा हो रही है. कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि इस स्थिति में अगले 24 घंटे में कोई खास बदलाव नहीं होने जा रहा है, लेकिन 15 जून की शाम से राजस्थान से आ रही धूल भरी हवाओं की रफ्तार थोड़ा कम पड़ेगी, जिससे दिल्ली-एनसीआर समेत तमाम इलाकों में आ रही धूल की मात्रा कम हो जाएगी.

16 तारीख आते-आते उत्तराखंड और इससे जुड़े इलाकों में थंडर स्टॉर्म की एक्टिविटी शुरू होने का अनुमान है इसका सीधा असर उत्तर पश्चिम भारत में धूल भरी हवाओं पर पड़ेगा. लिहाजा यह उम्मीद है कि 16 तारीख से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूल भरी हवाओं का कहर काफी हद तक कम हो जाएगा.

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में धूल भरी हवाओं के आने की वजह से PM 10 और PM 2.5 की मात्रा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है. दिल्ली में पिछले 24 घंटे में हवा में मौजूद PM 10 कणों की मात्रा सामान्य स्तर के मुकाबले औसतन 12 से 14 गुना अधिक है तो वहीं PM 2.5 कणों की मात्रा की बात करें तो सामान्य स्तर के मुकाबले इनकी मात्रा हवा में 4 गुना से ज्यादा है.

24 घंटे में कम होंगे धूल के कण

यह आंकड़े मौसम विभाग के एयर क्वालिटी फॉरकास्ट के मुताबिक है. फॉरकास्ट के मुताबिक अगले 24 घंटे में इस मात्रा में खासी कमी आ जाएगी लेकिन तब भी हवा की स्थिति प्रदूषण के स्तर पर भीषण ही रहेगी.

इस बार उत्तर भारत के तमाम इलाकों में मौसम की स्थितियां काफी उलट-पुलट रही हैं, ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में मानसून से पहले वातावरण में धूल की भारी मात्रा लोगों को जरूर चौका रही है. मौसम विभाग के डायरेक्टर चरण सिंह के मुताबिक इसमें चौंकने की जरूरत नहीं है, उत्तर पश्चिम भारत में इस तरह का मौसम इस वजह से देखने को मिल रहा है क्योंकि मानसून इस समय काफी कमजोर है.

अगले 7 दिनों तक इसमें दोबारा ताकत आने की संभावना नहीं है इस वजह से पूर्वोत्तर भारत में झमाझम बारिश हो रही है. वहीं, वेस्टर्न घाट में भी जोरदार बारिश का सिलसिला जारी है, लेकिन कमजोर मानसून की वजह से उत्तर भारत से पुरवइया हवाओं का जोर पूरी तरीके से खत्म हो गया है. इस वजह से पछुआ हवाओं ने पूरे इलाके पर अपना राज कायम कर लिया है.

इन स्थितियों में उत्तर पश्चिम भारत में अगले 7 दिनों तक गर्मी से राहत की बहुत ज्यादा संभावना नहीं है. जब पुरवइया हवाएं कमजोर हो गईं तो उनकी जगह लेने के लिए पछुआ हवाएं उत्तर भारत पहुंचने लगीं क्योंकि यह हवाएं राजस्थान के रेगिस्तान से होकर आ रही थीं और साथ ही साथ सतह पर इनकी रफ्तार काफी थी.

दिल्ली में बारिश की गुंजाइश नहीं

इस वजह से राजस्थान की रेत को लेकर यह दिल्ली और आसपास के इलाकों में पहुंच गई. चरण सिंह का कहना है कि अगले 48 घंटे में उत्तराखंड और हिमालय की तलहटी वाले इलाकों में आंधी पानी की एक्टिविटी शुरू हो जाएगी. इसकी वजह से 17 जून को दिल्ली-एनसीआर में बादलों की आवाजाही होने की संभावना भी बताई जा रही है लेकिन दिल्ली में बारिश की गुंजाइश अभी भी नहीं है. मौसम के जानकारों का कहना है कि अगले 7 दिनों में मानसून एक बार फिर से जोर पकड़ेगा उसके बाद ही उत्तर पश्चिम भारत में मौसम का रुख बदलता हुआ नजर आएगा.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com