पीएम मोदी के इस कैंपन के बारे में क्या कहते हैं चौकीदार?

लोकसभा चुनाव की रणभूमि का मुख्य अस्त्र ‘चौकीदार’ बन गया है, जिससे उनमें खुशी है। वे कहते हैं कि पहली बार चुनाव में चौकीदार की चर्चा तो हो रही है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मैं भी चौकीदार’ का नारा गढ़ते हुए पूरे विपक्षी खेमे को चकित कर दिया है तो सोशल मीडिया पर केंद्रीय नेताओं, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ आम लोगों में अपने नाम के आगे चौकीदार लिखने की होड़ लग गई है। यही नहीं ‘मैं भी चौकीदार’ नाम से सार्वजनिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार होने लगी है।

इससे अचानक चौकीदारों का सम्मान भी बढ़ गया है, लोग उनका हालचाल लेने लगे हैं। यह सब हुआ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ कहने से। वहीं चोर कहे जाने से चौकीदार तमतमा जाते हैं। आहत होकर कहते हैं कि भले ही उनकी तनख्वाह कम है, मुफलिसी के दौर में गुजारा होता है, लेकिन वो चोर नहीं हैं। उनके भरोसे लोग निश्चिंत रहते हैं। कार्यालय, घर व कारोबारी प्रतिष्ठान यहां तक की बैंक, मोहल्ला सब सुरक्षित हैं।

मोदी से चाहते हैं जीवनस्तर सुधारने की नीति

दिल्ली में चौकीदारी करने वाले अधिकतर उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, मध्यप्रदेश से हैं। सिक्योरिटी एजेंसी के सहारे जुड़े चौकीदारों की तनख्वाह 10 से 15 हजार रुपये के बीच है। ऊपर से 12 घंटे की ड्यूटी। ऐसे में चाह कर भी अपना परिवार साथ नहीं रख पा रहे हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमानदार बताते हुए उनसे मांग करते हैं कि उनका जीवनस्तर सुधारने के लिए वह कोई नीति बनाएं।

‘मैं भी चौकीदार हूं’ अभियान को लेकर चौकीदारों ने ये कहा

मैं परास्नातक हूं, कहीं और नौकरी नहीं मिली तो चौकीदारी का जिम्मा संभाल लिया। चौकीदार शब्द ईमानदारी, जिम्मेदारी, कर्तव्यनिष्ठा व सत्यनिष्ठा का पर्याय है। इसलिए हमें खुद पर गर्व है। चौकीदार को चोर कहना बेहद गलत है। अगर ये चोर बन गए तो फिर सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं बचेगी। हम जिस तरह अपने प्रतिष्ठान की सुरक्षा करते हैं, उसी तरह प्रधानमंत्री पूरे देश की सुरक्षा करते हैं। -सुरेंद्र चंद्र, चौकीदार

हमें अच्छा लगता है, जब प्रधानमंत्री खुद को देश का चौकीदार कहते हैं, लेकिन उन्हें हम लोगों का जीवन सुधारने का भी प्रयास करना चाहिए। कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है। 10 हजार रुपये में 12 घंटे चौकस रहना पड़ता है। चौकीदार वर्ग के लिए कोई विशेष नीति बनाकर उनका जीवन स्तर सुधारने की आवश्यकता है।

-अमर सिंह, चौकीदार

चौकीदार चोर है कहना गलत है। प्रधानमंत्री के लिए जो भी इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है, वह अच्छा नहीं कर रहा है, क्योंकि उसको लेकर लोगों में गलत धारणा बन रही है। आखिर चौकीदार चोर कैसे हो सकता है। अगर चोर होते तो बड़ी-बड़ी कंपनियों के दफ्तर रातं-दिन एक चौकीदार के भरोसे नहीं छोड़ दिए जाते।

-अरविंद गुप्ता, सिक्योरिटी सुपरवाइजर

चौकीदार चोर हो जाएगा, फिर काम कैसे चलेगा। हम दिन-रात अपनी जिम्मेदारी के प्रति मुस्तैद रहते हैं। हम चोर नहीं हैं, जो चोर कह रहा है, वह गलत है। इसी तरह हमें अपने प्रधानमंत्री पर भी पूरा विश्वास है। ऐसे में उन्हें भी जो चोर कह रहा है, वह राजनीतिक कारणों से आरोप लगा रहा है। -धीरेंद्र कुमार, चौकीदार

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com