रसिक सलाम इंटरव्यू में कहा था, ‘जब मुझे गेंद दी गई, तो मैंने अपने आप से कहा कि यह दिन खुद को साबित करने का दिन है

दाएं हाथ के युवा तेज गेंदबाज रसिक सलाम आईपीएल खेलने वाले जम्मू-कश्मीर के दूसरे क्रिकेटर बने. 17 साल के रसिक सलाम ने रविवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस की ओर से पदार्पण किया. रसिक ने मेजबान टीम के लिए गेंदबाजी का आगाज भी किया. रसिक सलाम को भारत के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ने कैप सौंपी. वह मुंबई इंडियंस के लिए पदार्पण करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं. कुलगाम जिले के रहने वाले रसिक सलाम को मुंबई इंडियंस ने 20 लाख रुपये के उनके आधार मूल्य पर खरीदा था.

ऑफ स्पिन ऑलराउंडर परवेज रसूल इस लुभावने टूर्नामेंट में खेलने वाले जम्मू-कश्मीर के पहले क्रिकेटर हैं. वह पुणे वॉरियर्स और सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. पिछले साल किंग्स इलेवन पंजाब ने जम्मू-कश्मीर के मंजूर डार को चुना था, लेकिन उन्हें कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिला. हालांकि अपने पहले मैच में रसिक अपना प्रभाव छोड़ने में ज्यादा कामयाब नहीं हो पाए. उन्होंने अपने कोटे के 4 ओवरों में 42 रन खर्च कर डाले, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली.

रसिक सलाम ने इसी साल जनवरी में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था. जम्मू-कश्मीर टीम के लिए रसिक सलाम ने अब तक दो रणजी मुकाबले खेले हैं और 7 विकेट निकाले. रसिक सलाम ने फरवरी में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी-20) में डेब्यू किया. रसिक ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर के लिए विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर) में डेब्यू किया था.

पेशे से शिक्षक ए. सलाम डार के सबसे छोटे बेटे रसिक सलाम ने अन्य बच्चों की तरह छोटी उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. तब वह इस बात से अनजान होगा कि एक दिन बल्ले और गेंद का यह खेल उसे सुर्खियों में शामिल करेगा. अपने आयुवर्ग में आगे चल रहे दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर अंडर-19 टीम में अपना हाथ आजमाया, लेकिन तब चयनकर्ताओं ने उसे नजरअंदाज कर दिया था. वह निराश जरूर हुआ, लेकिन क्रिकेट के प्रति उसका जुनून कभी कम नहीं हुआ.

रसिक की किस्मत बदलने में देर नहीं लगी. एक साल बाद ही वह अपने राज्य का क्रिकेट ‘स्टार’ बना गया. रसिक सलाम को राज्य स्तरीय क्रिकेट खेले बिना ही विजय हजारे ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर की सीनियर टीम में सीधे प्रवेश मिल गया, जो देश का एक प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट है. सच तो यह है कि वह कुछ महीने पहले तक एक अनजान क्रिकेटर था, लेकिन जैसे ही वह भारत के स्टार क्रिकेटर इरफान पठान के संपर्क में आया, उसका जीवन बदल गया. इरफान पठान ने जम्मू-कश्मीर टीम के मौजूदा मेंटर और खिलाड़ी के तौर पर अगस्त में नई पारी शुरू की है.

जिला स्तरीय टूर्नामेंट में बेहद अच्छा प्रदर्शन करने के बाद रसिक सलाम को टैलेंट हंट कैंप में भाग लेने के लिए चुन लिया गया. यह टैलेंट हंट कैंप इरफान पठान के जिम्मे था. एसके स्टेडियम (श्रीनगर) में कैंप शुरू हुआ. इस दौरान रसिक के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में उसने खुद भी नहीं सोचा होगा.

रसिक सलाम एक इंटरव्यू में कह चुके हैं, ‘जब मुझे गेंद दी गई, तो मैंने अपने आप से कहा कि यह दिन खुद को साबित करने का दिन है. मैंने तीन गेंदें ही फेंकी थीं कि इरफान सर ने मुझे बुलाया, उन्होंने कहा-  इतनी कम उम्र में कोई इतनी तेज गेंद कैसे डाल सकता है. तुम्हारा क्या नाम है? वह मुझे अपने साथ परवेज भैया (परवेज रसूल) के पास ले गए और कैंप के समापन के बाद मिलने के लिए कहा.’

इसके बाद रसिक सलाम को इरफान पठान और जम्मू-कश्मीर के कोच मिलाप मवांडे के साथ नेट्स पर कई उपयोगी टिप्स लेते देखा गया. और यहीं से रसिक सलाम क्रिकेट की ऊंचाइयां छूने की ओर ओर तेजी से आगे बढ़ने लगा.

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