योगीजी से सुशासन की सीख लें अखिलेश : हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव को धरातल पर आकर जनता का सुख-दुख जानना चाहिए। करोड़ों की गाड़ी में चलने वाले और वातानुकूलित पांच सितारा सुविधा में 24 घंटे बिताने वाले अखिलेश यादव महंगाई बढ़ने का बचकाना बयान दे रहे हैं, जबकि पिछले 70 सालों में 2014 के बाद का समय ही ऐसा रहा है, जिसमें महंगाई नहीं बढ़ी। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि विपक्षी दलों ने झूठ के बाजार में अफवाह का माल बेचने की कीमत बार-बार और लगातार चुनावों में पराजय के रूप में चुकायी है। लेकिन फिर भी वे झूठ बेचने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जिसके शासन में जनता पर न तो महंगाई की मार पड़ी और न ही भ्रष्टाचार की। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार थोक महंगाई दर पिछले 22 महीनों के सबसे निचले स्तर 2.45 प्रतिशत रह गयी है और खुदरा महंगाई दर भी 3.05 प्रतिशत पर सिमट गयी है। सब्जियों की कीमतें भी कम हो गयी हैं। इसके साथ ही देश का निर्यात भी बढ़ा है, जो देश की अर्थव्यवस्था में गति और उद्योग, व्यापार की बढोतरी का स्पष्ट संकेत है। जबकि यूपीए के सरकार के समय महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर थी और देश में महंगाई के कारण लोगों का जीवन दुश्वार हो गया था।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकारें काम करती हैं, जबकि सपा, बसपा व कांग्रेस की सरकारों की तरह भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, तबादला उद्योग से धन उगाही को ही काम समझती हैं और जनहित के विषयों पर केवल गाल बजाती हैं। श्रीवास्तव ने अखिलेश को नसीहत दी कि सुशासन और जनहित के लिये प्रशासन के गुर उन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ से सीखना चाहिए। अखिलेश जी के शासन में इंसेफलाइटिस प्रदेश के बच्चों का काल बन गया था। योगी जी की सरकार आते ही इस समस्या के समाधान के लिये गंभीर प्रयास किये गये और परिणामतः इस वर्ष इस बीमारी से मौत का आंकड़ा 83 प्रतिशत घट गया है। जेईएस मृत्युदर भी 8.19 प्रतिशत से घटकर 3.22 प्रतिशत आ गयी। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के टीकाकरण अभियान की सफलता से इस बीमारी के शिकार होने होने वाले बच्चों की संख्या भी घटी है और भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या 58 प्रतिशत घट गयी। उन्होंने कहा कि 2018 में इंसेफ्लाइटिस के 3077 रोगी भर्ती हुये, जिनमें से 2829 बच्चों को बचा लिया गया। 2018 में 2017 की तुलना में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या में 1647 की कमी आयी। इस साल 12 जून तक केवल 1026 रोगी मिले, जिनमें से 942 बच्चों को उपचार के बाद ठीक किया गया। इसी प्रकार पिछल साल 12 जून तक जेई के 63 रोगी मिले थे, जबकि इस साल इस अवधि में यह संख्या केवल 24 रही और केवल एक मौत हुयी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com