बिहार में लू से तीन दिन में बिछ गयीं 246 लाशें, दाह-संस्कार को लकड़ियां पड़ रहीं कम

मगध व शाहाबाद क्षेत्र में लू ने सोमवार को भी 42 लोगों की जान ले ली। वहीं मुंगेर में 05 व नालंदा, पटना, वैशाली, छपरा, बेगूसराय, बक्सर व अरवल में 17 लोग लू के शिकार हुए हैं। मधेपुरा में भी लू से दो मौत होने की बात सामने आई है। लू से मौत का यह सिलसिला थम नहीं रहा। तीन दिन में लू से अब तक 246 लोगों की मौत हो चुकी है। उनके दाह संस्‍कार के लिए लकडि़यां भी कम पड़ती दिख रहीं हैं।

कई जिलों में धारा 144 लागू

लू को देखते हुए गया, गोपालगंज, सीतामढ़ी सहित कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, श्रम विभाग के आदेश के मुताबिक कोई भी श्रमिक सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक काम नहीं करेगा।

गया में दाह-संस्कार के लिए लकड़ियां पर गयी हैं कम

गया जिले में लू और आसमानी कहर से अब तक कई लोगों की मौत हो गई हैं। कहा जा रहा है कि विष्णुपद श्मशान घाट पर पिछले तीन दिनों में अब तक करीब 300 शवों का दाह संस्कार किया गया है। एक चिता पूरी तरह से सजती नहीं कि उससे पहले ही दूसरा शव श्मशान घाट पर पहुंच जाता है. ऐसे में कफन और लकड़ी बेचने वाले भी हैरान हैं। यहां दाह-संस्कार को लकड़ियां कम पर जा रही हैं।

लगातार हो रही मौत

सोमवार को गया में आठ और औरंगाबाद में पांच लोगों की लू से मौत हो गई। औरंगाबाद में शनिवार से रविवार तक 69 लोगों की मौत हो चुकी थी। यहां मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। यहां करीब सौ मरीज अभी भी भर्ती हैं।

वहीं, मगध मेडिकल कॉलेज, गया में 106 मरीज भर्ती थे। गया में पांच लोगों की मौत की पुष्टि मगध मेडिकल कॉलेज ने की है, जबकि तीन अन्य की स्वास्थ्य केंद्रों में मौत हुई है। इसके पहले दो दिन बिहार में 62 और 118 लोगों की मौत लू से हो गयी थी।

वहीं नवादा के सदर अस्पताल प्रशासन ने तीन की मौत की आधिकारिक पुष्टि की है, जबकि विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार यह संख्या दस है। औरंगाबाद के सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र प्रसाद ने अपने यहां पांच की मौत की पुष्टि की है।

सासाराम में भी स्थानीय स्रोत 17 लोगों की मौत बता रहे, इसका रिकॉर्ड भी है। लेकिन सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने पांच के ही मरने की आधिकारिक पुष्टि की है। दरअसल, पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मची हुई है। मौत के जो आधिकारिक रिकॉर्ड हैं, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक स्थिति है।

सुदूर ग्रामीण इलाकों में कई मौतें हुई हैं, जिसका अस्पताल में रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन स्थानीय मुखिया आदि उसकी पुष्टि कर रहे। सोमवार को सासाराम में ही पुलिस ने एक अज्ञात शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, जिसमें मौत का कारण लू लगना दर्शाया है। एक दिन पहले गया के मानपुर में भी ऐसे ही एक व्यक्ति हो गई।

वहीं सोमवार को लू से नालंदा, हाजीपुर, छपरा, बेगूसराय, बक्सर व अरवल में सत्रह लोगों की मौत हो गई। इनमें नालंदा में सात, अरवल में दो, वैशाली में तीन, पटना, बक्सर, छपरा, बेगूसराय व सोनपुर का एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। कई लोग आक्रांत हैं।

पिछले 48 घंटे में मुंगेर सदर अस्पताल में लू और डायरिया से पीडि़त पांच लोगों की मौत हो गई। मधेपुरा में भी सोमवार के लू की चपेट में आने से एक बालक और एक अधेड़ महिला की मौत हो गई।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मंगल पांडेय ने सोमवार को औरंगाबाद सदर अस्पताल और मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गया का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की मरीजों के इलाज के पुख्ता प्रबंध के निर्देश दिए। दोनों जगहों पर आठ-आठ अतिरिक्त डॉक्टरों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।

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