नॉर्थ कोरिया की वजह से टली भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता!

भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू प्लस टू बैठक अमेरिका की तरफ से टाल दी गई है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो अब 6 जुलाई को उत्तर कोरिया के नेता किम-जोंग-उन के साथ वार्ता में शामिल होने प्योंगयांग जा रहे हैं. फाइनेंशियल टाइम्स की खबर के मुताबिक अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि विदेश मंत्री पोम्पियो की प्योंगयांग यात्रा की वजह से भारत-अमेरिका के बीच होने वाली अहम टू प्लस टू बैठक टाल दी गई है.  भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू प्लस टू बैठक अमेरिका की तरफ से टाल दी गई है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो अब 6 जुलाई को उत्तर कोरिया के नेता किम-जोंग-उन के साथ वार्ता में शामिल होने प्योंगयांग जा रहे हैं. फाइनेंशियल टाइम्स की खबर के मुताबिक अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि विदेश मंत्री पोम्पियो की प्योंगयांग यात्रा की वजह से भारत-अमेरिका के बीच होने वाली अहम टू प्लस टू बैठक टाल दी गई है.    पोम्पियो ने सुषमा से जताया था खेद  इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत के साथ होने वाली वार्ता के टालने पर खेद प्रकट करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जल्द ही वार्ता के लिए नई तिथियां तय करने की बात कही थी. तय कार्यक्रम के अनुसार ये वार्ता 6 जुलाई को अमेरिका में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो, रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के बीच होनी थी. जिसमे दोनो देशों के संबंधो, रक्षा और व्यापार को लेकर कई अहम फैसले होने थे.  इसे पढ़े : ट्रंप को अब भी नहीं किम पर ऐतबार, उत्तर कोरिया पर 1 साल और जारी रहेगा प्रतिबंध  उत्तर कोरिया पर परमाणु कार्यक्रम बंद करने का है दबाव  12 जून को सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम-जोंग-उन के बीच कोरियाई प्रायद्वीय को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमति बनी थी. साथ ही यह भी तय हुआ था कि दक्षिण कोरिया में भी अगर अमरीका की परमाणु पनडुब्बियां और हथियार हैं तो वे भी अमरीका को वापस लेने होंगे. लेकिन इस समझौते में इस बात का ब्यौरा नहीं दिया गया था कि उत्तर कोरिया कब और कैसे अपने हथियार छोड़ेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो को जिम्मेदारी की गई है कि वे उत्तर कोरिया को उसके परमाणु कार्यक्रमों को बंद करने के लिए राजी करें. पॉम्पियो पहले ही कह चुके हैं कि उत्तर कोरिया की ओर से निरस्त्रीकरण दर्शाने के बाद ही उस पर लगी आर्थिक पाबंदियां हटाई जाएंगी.

पोम्पियो ने सुषमा से जताया था खेद

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत के साथ होने वाली वार्ता के टालने पर खेद प्रकट करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जल्द ही वार्ता के लिए नई तिथियां तय करने की बात कही थी. तय कार्यक्रम के अनुसार ये वार्ता 6 जुलाई को अमेरिका में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो, रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के बीच होनी थी. जिसमे दोनो देशों के संबंधो, रक्षा और व्यापार को लेकर कई अहम फैसले होने थे.

उत्तर कोरिया पर परमाणु कार्यक्रम बंद करने का है दबाव

12 जून को सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम-जोंग-उन के बीच कोरियाई प्रायद्वीय को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमति बनी थी. साथ ही यह भी तय हुआ था कि दक्षिण कोरिया में भी अगर अमरीका की परमाणु पनडुब्बियां और हथियार हैं तो वे भी अमरीका को वापस लेने होंगे. लेकिन इस समझौते में इस बात का ब्यौरा नहीं दिया गया था कि उत्तर कोरिया कब और कैसे अपने हथियार छोड़ेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो को जिम्मेदारी की गई है कि वे उत्तर कोरिया को उसके परमाणु कार्यक्रमों को बंद करने के लिए राजी करें. पॉम्पियो पहले ही कह चुके हैं कि उत्तर कोरिया की ओर से निरस्त्रीकरण दर्शाने के बाद ही उस पर लगी आर्थिक पाबंदियां हटाई जाएंगी.

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