आपका जीवन बना सकती है स्वामी विवेकानंद जी की यह 10 बातें

भारत के महापुरुषों में से एक स्वामी विवेकानंद जी ने हमेशा इस संसार और भारत की पवित्र भूमि को अपने विचारों से एक सूत्र में बांधे रखा. उनके विचार आज भी लोगों को सही जीवन और चुनौतियों से लड़ने का रास्ता दिखते हैं. स्वामी विवेकानंद आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन वे हमेशा अपने शब्दों से लोगों के दिलों में अमर रहेंगे. स्वामी विवेकानंद जी की आज 116वीं पुण्यतिथि है, वे आज से ठीक 116 साल पहले दुनिया को अलविदा कह गए थे. आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपको उनके कुछ ऐसे विचारों या उनकी कही गई कुछ बातों से अवगत कराएंगे. जो कि आपको हर समस्या से बाहर निकालने में कारगर साबित होगी. भारत के महापुरुषों में से एक स्वामी विवेकानंद जी ने हमेशा इस संसार और भारत की पवित्र भूमि को अपने विचारों से एक सूत्र में बांधे रखा. उनके विचार आज भी लोगों को सही जीवन और चुनौतियों से लड़ने का रास्ता दिखते हैं. स्वामी विवेकानंद आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन वे हमेशा अपने शब्दों से लोगों के दिलों में अमर रहेंगे. स्वामी विवेकानंद जी की आज 116वीं पुण्यतिथि है, वे आज से ठीक 116 साल पहले दुनिया को अलविदा कह गए थे. आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपको उनके कुछ ऐसे विचारों या उनकी कही गई कुछ बातों से अवगत कराएंगे. जो कि आपको हर समस्या से बाहर निकालने में कारगर साबित होगी. 1... ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हम ही है जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते है कि कितना अंधकार है. 2... जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है. 3... उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये. 4.. उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो. 5...किसी की निंदा ना करें: अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं. अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये. 6... कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है.अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं. 7... अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढ़ेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है. 8... जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है. 9...जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते. 10...हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे.

1… ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हम ही है जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते है कि कितना अंधकार है. 

2… जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है.

3… उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.

4.. उठो मेरे शेरों, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.

5…किसी की निंदा ना करें: अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं. अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये.

6… कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है. ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है.अगर कोई  पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल  हो या अन्य निर्बल हैं.

7… अगर धन दूसरों की भलाई  करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढ़ेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.

8… जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है.

9…जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.

10…हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे.

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