मुहर्रम का महीना इस साल 31 अगस्त से शुरू होगा और अशुरा यानी कि मुहर्रम का मुख्य दिन 10 मंगलवार को मनाया जाएगा। मुहर्रम पैगंबर मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है। बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक मुहर्रम हिजरी संवत का प्रथम मास है। इस्लाम धर्म में मुहर्रम एक प्रमुख त्योहार है। इस पूरे दस दिन इमाम हुसैन का शोक मनाया जाता है। दरअसल, इसी महीने में पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब, मुस्तफा सल्लाहों अलैह और आलही वसल्लम ने पवित्र मक्का से पवित्र नगर मदीना में हिजरत किया था।

मुहर्रम में कई लोग रोजा रखते हैं। पैगंबर मुहम्मद साहब के नाती की शहादत और करबला के शहीदों के बलिदान को याद किया जाता है। करबला के शहीदों ने इस्लाम धर्म को नया जीवन दिया था। कई लोग इस पवित्र माह में पहले दस दिनों के रोजे रखते हैं। जो लोग दस दिन तक रोजा नहीं रख पाते वो 9 और 10 तारीख का रोजा रखते हैं। इस दिन पूरे देश में लोगों की अटूट आस्था का भरपूर समागम देखने को मिलता है।
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