राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अहम : कोविंद

राष्ट्रपति ने 46 उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से किया सम्मानित

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महती भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षक युवा मन को मजबूत नैतिक मूल्यों और ज्ञान से पोषित कर चरित्रवान नागरिक तैयार करते हैं। राष्ट्रपति ने इस मौके पर वर्ष 2018 के लिए 46 उत्कृष्ट शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार ऐसे मेधावी शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है। राष्ट्रपति कोविंद ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में देशभर के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान और कौशल तो बाद में भी प्राप्त किए जा सकते हैं लेकिन चरित्र निर्माण की एक मजबूती नींव विद्यालयों में डाली जाती है। शिक्षक युवा मन को मजबूत मूल्यों के साथ प्रभावित करते हैं और उन्हें जिज्ञासु बनने, ज्ञान प्राप्त करने और सपने देखने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसा करके वे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षक का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थी को एक अच्छा इंसान बनाना है। अच्छे इंसान का निर्माण करने के लिए शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों में ईमानदारी, अनुशासन, प्रमाणिकता और सत्यनिष्ठा का संचार करना होता है। इन जीवन मूल्यों से संपन्न अच्छा इंसान समाज के हर क्षेत्र में अच्छा सिद्ध होता है। रामनाथ कोविंद ने अपने शिक्षकों का स्मरण करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन के कारण ही वह आज इस मुकाम तक पहुंच सके हैं। शिक्षक दिवस पर मैं डॉ एस. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन परंपरा में गुरु का स्थान सबसे ऊपर माना गया है। शिक्षकों के प्रति आदर भाव भारतीय शिक्षा प्रणाली का आधार है।

कोविंद ने डॉ राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए कहा कि एक अच्छा शिक्षक जीवन भर एक छात्र बना रहता है। उन्होंने छात्रों में ‘डिजिटल लर्निंग और चरित्र निर्माण’ के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक छात्रों को एक महान इंसान बनने में मदद करते हैं और उन्हें अपने छात्रों में ईमानदारी, निष्ठा और अनुशासन को विकसित करना चाहिए। इस मौके पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और राज्य मंत्री संजय धौत्रे भी मौजूद रहे।

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