पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये नुकसानदेह हो सकता नागरिकता संशोधन विधेयक: जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) अगर लागू हुआ तो यह पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिये नुकसानदेह हो सकता है और उनकी पार्टी इसका कड़ा विरोध करेगी. रमेश ने कहा कि विधेयक संवैधानिक प्रावधानों की इस भावना के विरुद्ध है कि धर्म, जाति, जाति, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.

रमेश ने दावा किया, “अगर नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होता है तो पूर्वोत्तर राज्यों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. साथ ही, बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से पूर्वोत्तर भारत अस्थिर हो गया है.” रमेश विभिन्न विवादास्पद मुद्दों पर पूर्वोत्तर राज्यों की नब्ज़ टटोलने के लिये गठित कांग्रेस की एक टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास लोकसभा में बहुमत है और वह राज्यसभा में विधेयक पारित करवाने की कोशिश करेगी. रमेश ने कहा कि कांग्रेस भी इसे लेकर समान विचारधारा वाले दलों के साथ काम कर रही है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक अक्टूबर को कहा था कि संसद नागरिकता संशोधन विधेयक पारित करेगी, जिसके तहत देश में सात साल तक रहने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और इसाइयों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, भले ही इन लोगों के पास उपयुक्त दस्तावेज नहीं हों. पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों को डर है कि इन लोगों के प्रवेश से उनकी पहचान और आजीविका खतरे में पड़ जाएगी.

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