अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफियाओं ने किया अवैध कब्जे का बड़ा खेल

ओमेक्स के निदेशक और छह सिंचाई कर्मिकों पर दर्ज हुई एफआईआर
चार कर्मचारी निलंबित, तीन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में सिंचाई विभाग की जमीन पर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफियाओं द्वारा अवैध कब्जा करने का मामला प्रकाश में आया है। शासन के निर्देश में इस मामले में विभाग के चार कर्मचारियों को निलंबित कर तीन अन्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं। साथ ही इस मामले में एक बिल्डर और छह सिंचाई कर्मिकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को यहां बताया कि सिंचाई विभाग के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों ने हेराफेरी करते हुए करोड़ों रुपये की नहर की जमीन ओमेक्स बिल्डर को दे दी गयी। प्रवक्ता का कहना है कि यह नहर किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए आजादी से पहले बनाई गयी थी, लेकिन अब इसका अस्तित्व ही समाप्त हो गया है।

प्रवक्ता ने बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद जांच हुई तो पता चला कि कल्ली माइनर के नाम से बनी इस नहर की जमीन को असंवैधानिक ढंग से ओमेक्स बिल्डर को दे दी गई और बिल्डर ने नहर की बड़ी जमीन को समतल करके 15 मीटर चौड़ी सड़क हाटमिक्स द्वारा बनवा दी। शासन के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने शुक्रवार को इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उप राजस्व अधिकारी कृष्ण गोपाल, देवी प्रसाद सिंह, तत्कालीन जिलेदार, सींचपाल केशवमणि त्रिपाठी और सहायक अभियंता एसएन मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।  साथ ही तत्कालीन अधीक्षण अभियंता विद्यासागर सिंह, योगेश रायल, तत्कालीन अधिशासी अभियंता और निलंबित किये गये सहायक अभियंता एसएन मौर्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं। विभाग ने इन अधिकारियों और ओमेक्स बिल्डर के निदेशक के खिलाफ पीजीआई थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है।

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