भाजपा सरकार किसाना विरोधी, एक रुपये भी नहीं बढ़ा गन्ने का रेट : प्रियंका

कांग्रेस महासचिव ने योगी को कठघरे में खड़ा किया

लखनऊ : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने भाजपा सरकार को किसान विरोध बताया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2019—20 के लिए सभी चीनी मिलों की ओर से खरीदे जाने वाले गन्ने की विभिन्न प्रजातियों का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) घोषित कर दिया है। हालांकि, राज्य परामर्शित मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसको लेकर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है, जिसके एक रुपये भी गन्ने के मूल्य में वृद्धि नहीं हुई। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने के रेट में भी किसान की नहीं सुनी। किसान संगठन गन्ने के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल की मांग कर रहे थे। यूपी सरकार ने पिछले रेट से एक भी रुपया नहीं बढ़ाया। किसानों का गन्ने का हजारों करोड़ भुगतान बकाया है। भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है।

बता दें कि चीनी उद्योग विभाग की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक गन्ने की अगैती प्रजातियों के लिए एसएपी 325 रुपये और सामान्य प्रजातियों के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। वहीं अनुपयुक्त प्रजातियों के लिए एसएपी 310 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। चीनी मिलें किसानों को एसएपी के अनुसार गन्ना मूल्य का एकमुश्त भुगतान करेंगी। पेराई सत्र 2019-20 के लिए चीनी मिलों के बाहरी क्रय केंद्रों से मिल गेट तक गन्ने को ले जाने के मद में होने वाली ढुलाई कटौती की दर 42 पैसे प्रति किलोमीटर और अधिकतम 8.35 रुपये प्रति क्विंटल होगी। बाहरी क्रय केंद्रों पर आपूर्ति किये गए गन्ने के मूल्य का भुगतान चीनी मिलों को इसी दर के अनुसार करना होगा। पेराई सत्र 2019-20 के लिए चीनी मिलों को गन्ना समितियों और गन्ना विकास परिषदों को 5.50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अंशदान का भुगतान करना होगा।

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