पूर्वोत्तर में जारी हिंसा के बीच कैब को राष्ट्रपति की मंजूरी, असम में तीन की मौत

तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ और गोलाघाट के आरएसएस कार्यालयों पर उपद्रवियों ने किया हमला
कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के प्रमुख अखिल गोगोई गिरफ्तार
नई दिल्ली/गुवाहाटी : असम में पिछले तीन दिन से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार शाम नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी। लिहाजा अब इस विधेयक ने कानून का रूप ले लिया है। लोकसभा ने सोमवार को इस विधेयक को पारित किया था जबकि संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा ने बुधवार को इसे पास किया था। इस नए कानून में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। गुरुवार देर रात केंद्रीय कानून मंत्रालय ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने विधेयक पर अपनी सहमति दी है। इसमें 31 दिसम्बर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों, जैनियों और पारसियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।

इस बीच, असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बवाल जारी है। बिल को लोकसभा में पेश किए जाने के दिन से जारी प्रदर्शन अब हिंसक हो उठा है। गुरुवार को गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन कर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस को हालात काबू में करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी। पुलिस की गोली से तीन लोगों की मौत हो गई। कुछ लोग घायल हुए हैं। कहा जा रहा है कि ये मौतें पुलिस गोलीबारी के दौरान हुई हैं। दो रेलवे स्टेशनों और एक सरकारी कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। दो भाजपा विधायकों के घरों पर हमला किया गया और प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच सड़क पर झड़पें हुईं, जो गुरुवार से पूरे असम में नागरिकता (संशोधन) के खिलाफ हिंसक विरोध के रूप में सामने आई हैं।

राज्यपाल जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सोनोवाल ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा का रास्ता नहीं अपनाने का अनुरोध किया और आंदोलनकारी नेताओं के साथ बातचीत करने की बात कही। पता चला है कि इसके बावजूद सोनोवाल के गृह नगर डिब्रूगढ़ के चबुआ में प्रदर्शनकारियों ने सर्किल कार्यालय और रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने पनीटोला के एक अन्य स्टेशन को भी निशाना बनाया है। केंद्र ने असम और त्रिपुरा में रेल सेवाओं को निलंबित कर दिया है। लंबी दूरी की ट्रेनों को गुवाहाटी और कामाख्या में रोक दिया गया है। उन्हें यहीं से चलाया जा रहा है। रेलवे सुरक्षा विशेष बल की 12 कंपनियों को तैनात किया गया है।

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की लगभग 20 कंपनियों को (लगभग 2,000 जवानों को) शुक्रवार को असम जाने के लिए तैयार रखने का निर्देश दिया है। सूबे के 12 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध को 48 घंटे तक बढ़ा दिया, जबकि गुवाहाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू जारी है। हालांकि डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में शुक्रवार सुबह छह बजे से अपराह्न एक बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो गैर-बीएसएनएल ब्रॉडबैंड सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है।

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