देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के लिए वैश्विक कारक जिम्मेदार नहीं : RBI गवर्नर

शक्तिकांत दास बोले, भारत को करना चाहिए विनिर्माण पर ज्यादा फोकस

नई दिल्ली/मुम्बई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को मुम्बई में कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के लिए पूरी तरह से वैश्विक कारकों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। दास ने कहा कि आरबीआई विकास दर में गिरावट पर नजर बनाए हुए और उसे लेकर उचित कदम भी उठाएं है, जिनका असर अगले साल फरवरी से दिखना शुरू हो जाएगा। गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने आर्थिक विकास दर में सुस्ती को देखते हुए फरवरी 2019 से ही से ब्याज दरों में कटौती की। उन्होंने कहा कि विकास दर में तेजी लाने के लिए ब्याज दर में कटौती के अलावा लिक्विडिटी को बढ़ाया गया। रिजर्व बैंक द्वारा 1,539 कंपनियों के सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि इन्वेस्टमेंट साइकल रिवाइवल के संकेत दिखा रहा है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत को विनिर्णान पर ध्यान देना चाहिए और वैश्विक निर्यात चेन का हिस्सा बनना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से बुनियादी ढांचे पर खर्च आर्थिक वृद्धि के लिए अहम है।

गवर्नर ने कहा कि वैश्विक आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सभी विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों को उचित समय पर सही कदम उठाना चाहिए। दास ने कहा कि भारत को विनिर्माण पर ज्यादा फोकस करना चाहिए और वैश्विक निर्यात चेन का हिस्सा बनना चाहिेए। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को आधारभूत संरचना पर पर खर्च करना होगा। उल्लेखनीय है कि आरबीआई गर्वनर का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब केंद्र सरकार की ओर से लगातार देश में जारी आर्थिक सुस्ती के लिए वैश्विक कारणों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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