देश में दुष्कर्म मामलों पर कड़े प्रावधान बनाए जाने के बाद भी दुष्कर्म की घटनाओं में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है. हवस की आग में अंधे हो चुके दरिंदे, दुधमुंही बच्चियों के बदन नोचते फिर रहे हैं. फांसी और उम्रकैद जैसी सजाओं का भी अपराधियों पर कोई खौफ नहीं दिख रहा है. वासना में मदमत्त हो चुके इन व्यभिचारियों को इंसान और पशु में भी फर्क नहीं दिख रहा है. हाल ही में हरियाणा के मेवात में हुई ये वारदात इसका प्रत्यक्ष उदहारण है.
हरियाणा के मेवात कुछ इंसान कहे जाने वाले नरपिशाचों ने बकरी के साथ दुष्कर्म कर इंसानियत को निम्नतम स्तर पर गिरा दिया है. इस दुष्कर्म में एक-दो नहीं बल्कि 8 दरिंदे शामिल थे. पुलिस ने बताया कि 25 जुलाई की रात शराब और जुए के आदि कुछ लोग बकरी को उठाकर सुनसान जगह ले गए और उसके सभी ने उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य किया.
सामूहिक दुष्कर्म से पीड़ित बकरी की हालात बिगड़ने लगी और कुछ ही घंटों बाद उसने दम तोड़ दिया. पुलिस ने बकरी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही बकरी मालिक असलूप पिता जकरिया की शिकायत पर गांव के ही सावकार, हारून, जाफर और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. दुष्कर्म की इन वारदातों ने प्रशासन के सामने सवाल खड़ा कर दिया है. क्योंकि ये तो साफ़ है कि सजाओं में प्रावधान बढ़ाने से कोई हल नहीं निकल रहा. देखना ये है कि अब सरकार को गिरती हुई नैतिकता को बचाने के लिए क्या कदम उठाती है