आर्थिक संकट में घिरी पंजाब सरकार ने हालात सुधारने के लिए अब नई कवायद कर दी शुरू

Punjab financial crisis: आर्थिक संकट में घिरी पंजाब सरकार ने हालात सुधारने के लिए अब नई कवायद शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग का खर्च कम करने के लिए वित्त विभाग का प्रस्ताव है कि डॉक्टर्स को मिलने वाला Non practice allowance (एनपीए) बंद किया जाए। डॉक्टर चाहें तो ड्यूटी के बाद अपने घर या कहीं भी Private practice कर सकते हैं। एनपीए बंद होने से सरकार को 152.53 करोड़ रुपये की बचत होगी।

कैप्टन सरकार के 2002-07 के कार्यकाल में भी यह कवायद हुई थी, लेकिन बाद में डॉक्टर्स के विरोध के चलते सरकार को इसे वापस लेना पड़ा था। अब फिर से उसी प्रस्ताव को संशोधन के साथ लाया गया है। इसके तहत Private practice करने वाले डॉक्टर्स को प्रति मरीज 300 रुपये फीस लेने की ही अनुमति होगी। अगर वे इसके लिए सरकारी अस्पताल परिसर का इस्तेमाल करते हैं तो फीस का एक हिस्सा सरकार को देना होगा। सरकार इस पैसे का उपयोग कैंसर रिलीफ फंड, सरकारी अस्पतालों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए करेगी।

वित्त विभाग के इस प्रस्ताव पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ वित्त व अन्य विभागों के सीनियर अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में यह प्रस्ताव पेश किया गया। मुख्यमंत्री ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है। दरअसल वह सभी विभागों के प्रस्तावों को सुन रहे थे, इसलिए उन्होंने किसी पर कोई फैसला नहीं दिया। काबिले गौर है कि एलोपैथी डॉक्टर्स के अलावा होम्योपैथी, आयुर्वेदिक और वेटरनरी डॉक्टर्स को भी एनपीए मिलता है और यह उनके वेतनमान का हिस्सा है।

बता दें, पंजाब की वित्तीय हालत लगातार खराब हो रही है। इसके मद्देनजर वित्त विभाग खर्चों में कटौती करने की योजना बना रहा है। अगले कुछ दिनों में पंजाब सरकार कई अहम योजनाओं पर कैंची चला सकता है।

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