डीजीपी का दावा, यूपी में अपराधों में आई भारी कमी

एनसीआरबी ने जारी किया आंकड़ा, यूपी का क्राइम रेट काफी पीछे

लखनऊ : पिछले दिनों एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित क्राइम इन इंडिया 2018 के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस नेे प्रदेश के अपराध विश्लेषण के संबंध में एक नोट भी शुक्रवार को जारी किया। इससे पहले यूपी 112 के तीसरे स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीजीपी ने इस क्राइम इन इंडिया 2018 और यूपी पुलिस अपराध विश्लेषण के आधार पर प्रदेश में अपराधों में भारी कमी आने का दावा किया। उन्होंने कहा कि देश के 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में यूपी का क्राइम रेट काफी पीछे है। प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई एवं अपराधियों को सजा दिलाने में भी यूपी देश के अन्य राज्यों से काफी बेहतर है।

उन्होंने कहा कि क्राइम इन इंडिया 2018 के अनुसार भारतवर्ष में कुल 3132954 आईपीसी के अपराध पंजीकृत हुए, जिनमें से 342355 आईपीसी के अपराध उत्तर प्रदेश में घटित हुए जो कि देश में ऐसे पंजीकृत अपराधों का 10. 92 प्रतिशत है जबकि जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश की आबादी देश की आबादी का 16.85 प्रतिशत है। वर्ष-2018 में विभिन्न अपराध शीर्षकों में देश के 28 राज्य एवं 9 केन्द्रशासित प्रदेश कुल 37 प्रदेशों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति डकैती में 31वां, लूट में 20वां, हत्या में 26वां, हत्या के प्रयास में 21वां, नकबजनी में 32वां, बलात्कार में 24वां, शीलभंग में 14वां, पॉक्सो अधिनियम के अपराधों में 23वां, महिला संबंधी कुल अपराधों में 15वां एवं कुल भादवि के अपराधों में 24वां स्थान है। डकैती में 31वां स्थान से तात्पर्य यह है कि देश में 30 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में डकैती की क्राइम रेट उत्तर प्रदेश से अधिक है इसी प्रकार लूट में 20वां स्थान से तात्पर्य यह है कि देश में 19 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में लूट की क्राइम रेट उत्तर प्रदेश से अधिक है।

एनसीआरबी के अध्याविधिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष-2018 में प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में देश के अन्य राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों में दोषसिद्ध, साइबर अपराधों में दोषसिद्ध, शस्त्रों के जब्तीकरण एवं जाली मुद्रा की बरामदगी के अपराध पंजीयन में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है। इसके साथ ही भादवि के अपराधों में गिरफ्तारी, भादवि के अपराधों में गिर तार अभियुक्तों का दोषसिद्ध प्लस एसएलएल के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों का दोषसिद्ध में द्वितीय स्थान तथा एसएलएल के अपराधों में गिरफ्तार अभियुक्तों का दोषसिद्ध में तृतीय एवं सम्पत्ति की बरामदगी में 6वां स्थान प्राप्त किया है।

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