सेवा का यज्ञकुंड : लाखों लोगों के जीवन को रोशनी से भर रहा नागपुर का ‘माधव नेत्रालय’

नागपुर : श्रीगुरुजी के नाम से सुविख्यात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवकर ने ‘सेवा के यज्ञकुंड में समिधा बन जलने’ का उपदेश दिया था। गोलवकर गुरुजी के नाम पर स्थापित नागपुर का माधव नेत्रालय उनके इस संदेश को आदेश मानकर लाखों लोगों के जीवन को रोशनी से भरने का कार्य कर रहा है। व्यावसायिकता के इस दौर में यह संस्थान सेवा का यज्ञकुंड बनकर वैश्विक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। नागपुर के गजानन नगर में स्थित पुरुषोत्तम भवन में बने ‘माधव नेत्रालय’ का शुभारंभ 18 मार्च 2018 को हुआ। आंख की समस्या से पीड़ित मरीजों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगाने वाले इस संस्थान की नींव 19 फरवरी 1995 के दिन रखी गई थी। माधव नेत्रालय अब सेवा के विशाल वटवृक्ष में तब्दील हो चुका है। प्रतिवर्ष लाखों मरीज ‘माधव नेत्रालय’ की वर्ल्ड क्लास मेडिकल फैसिलिटी से लाभान्वित हो रहे हैं। यह ऐसा सेवा प्रकल्प है जहां बिना किसी भेदभाव के मरीजों का इलाज किया जाता है।

‘माधव नेत्रालय’ की परिकल्पना और कार्यप्रणाली की जानकारी साझा करते हुए संस्थान के सचिव डॉ. अविनाशचंद्र अग्निहोत्री ने बताया कि ‘माधव नेत्रालय’ का संचालन व्यावसायिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि यहां मरीजों को कम से कम शुल्क में बेहतर इलाज मुहय्या कराया जाता है। यहां गरीबों के लिए निःशुल्क नेत्र प्रत्यारोपण की व्यवस्था उपलब्ध है। इस संस्थान में खर्च के अनुपात में ही मरीजों से शुल्क लिया जाता है।नेत्रदान पर अग्निहोत्री ने कहा कि हमारे देश में हर साल औसतन 1 करोड़ लोगों की मृत्यु होती है लेकिन उनमें से केवल 30 से 40 हजार लोग ही नेत्रदान करते हैं। देश में 20 लाख लोगों को दृष्टि की आवश्यकता होती है। अग्निहोत्री ने आह्वान किया कि लोगों को नेत्रदान के लिए आगे आना चाहिए।

‘माधव नेत्रालय’ में बतौर मेडिकल डायरेक्टर सेवारत डॉ. सीमा देशमुख ने बताया कि संस्थान में सामान्य नेत्र चिकित्सा, नेत्र परीक्षण, आधुनिक रिफ्रैक्टिव लेजर मोतिया बिंदु शल्य चिकित्सा, आधुनिक कांच बिन्दु ग्लूकोमा उपचार केंद्र, अल्पदृष्टी लो-विजन उपकरण, आधुनिक कॉन्टैक्ट लेंस उपचार केन्द्र, कॉर्निया व रिफ्रैक्टिव शल्य चिकित्सा के साथ आधुनिक लैसिक एवं फेमटो लेजर रेटिना, वीटिंयस एवं पोस्टीरियर सेगमेंट रोगों की चिकित्सा अत्याधुनिक नेत्र बैंक, कॉर्निया प्रत्यारोपण शल्य चिकित्सा, अत्याधुनिक बाल व शिशु नेत्र चिकित्सा, आधुनिकपैथॉलॉजी एवं माइक्रोबायोलाजी सेवाएं फार्मेसी, ऑप्टिकल शॉप और मरीजों के लिए कैंटीन की सुविधा उपलब्ध है।

माधव नेत्रालय में उपलब्ध फेमटो लेजर तकनीक की जानकारी साझा करते हुए फेमोटिव सर्जन डॉ. विजय जेसवानी ने बताया कि आंखों के सुरक्षित ऑपरेशन के लिए फेमटो लेजर तकनीक पहली बार माधव नेत्रालय में उपलब्ध कराई गई है। इस तकनीक से ऑपरेशन में किसी तरह का दर्द या रक्तस्त्राव नहीं होता। टांके भी नहीं लगाने पड़ते और महज 15 मिनट में एक आंख का ऑपरेशन हो जाता है। डॉ. जेसवानी ने बताया कि इस अत्याधुनिक नेत्र शल्य क्रिया द्वारा 40 वर्ष से कम आयु के मरीजों को चश्मे से भी छुटकारा मिल जाता है।

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