कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के लिए ‘आशा की किरण’ बना कमान अस्पताल

लखनऊ : कॉर्नियल अंधापन दुनियाभर में उपचार योग्य अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है। भारत में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस का बोझ लगभग 6.8 मिलियन है। इन कॉर्नियल नेत्रहीन रोगियों के इलाज के लिए ‘आशा की किरण’ कॉर्निया प्रत्यारोपण के माध्यम से है, जहां रोगग्रस्त मेजबान कॉर्निया को दाता के स्वस्थ कॉर्निया द्वारा बदल दिया जाता है। नेत्र विभाग, कमान अस्पताल लखनऊ में पूरी तरह कार्यात्मक ‘आई बैंक’ है। प्रत्यारोपण टीम का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल भूपेश भटकोटी के नेतृत्व में किया जाता है, जो कॉर्निया में प्रशिक्षित नेत्र सर्जन हैं और विभाग नियमित रूप से पूरी मोटाई के साथ-साथ आर्ट लैमेलर कॉर्नियल प्रत्यारोपण की स्थिति का प्रदर्शन कर रहा है जहां कॉर्निया की केवल एक परत बदली जाती है।

वर्ष 2020 में, नेत्र विभाग ने सफलतापूर्वक 10 कॉर्निया प्रत्यारोपण किए हैं जिसमें 04 लामेलर सर्जरी शामिल हैं। यह कमान अस्पताल लखनऊ के कमांडेंट मेजर जनरल रमेश कौशिक के कुशल मार्गदर्शन और समर्थन के तहत पूरी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। अस्पताल का लक्ष्य हमारे समाज में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के बोझ को कम करने के लिए चालू वर्ष में 100 से अधिक कॉर्नियल प्रत्यारोपणों का संचालन करना है। सफल सर्जरी के बाद न केवल इन रोगियों की आंखों की दृष्टि बहाल हुई है।

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