Lockdown : खाकी ने कोरोना योद्धाओं के रूप में सेवा कर पेश की अद्भुत मिसाल

पुलिस को संक्रमण से बचाने के लिए उपलब्ध कराये गये 17.90 करोड़
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में की मेरठ पुलिस की तारीफ

लखनऊ : कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा कोरोना योद्धाओं के रूप में अभूतपूर्व परिश्रम कर जहां एक ओर नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराया गया वहीं उनके द्वारा मानवता की सेवा की भी नयी मिसाल पेश की गयी है। पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में की गई मानवता की सेवा संबंधी अनेक उदाहरण सामने आये हैं उनमें से एक मेरठ का मामला भी है। मेरठ जिले के थाना सदर बाजार क्षेत्र में पुलिस द्वारा लाॅकडाउन के दौरान प्रतिदिन एक हजार भोजन पैकेट तैयार कराकर ऐसे जरूरतमंद व बेसहारा लोगों को पहुंचाये गये जिनके द्वारा पुलिस से टेलीफोन पर खाने की मदद मांगी गई थी। पुलिस की इस कार्यवाही की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मन की बात में भी चर्चा की गई तथा इसका वीडियो भी दिखाया गया। शासन द्वारा भी इन पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के लिए जरूरी सामग्री एवं उपकरण आदि प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराये गये, ताकि वे विषम परिस्थितियों में भी पूर्ण मनोयोग, दृढ़ता एवं संवेदनशीलता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को बताया कि पुलिस मुख्यालय द्वारा विभिन्न जनपदों एवं पुलिस की इकाइयों को 17.90 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। इस धनराशि के जरिए कोरोना संक्रमण काल के दौरान ड्यूटी पर कार्यरत पुलिस कर्मियों को सुरक्षात्मक उपकरण मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई किट उपलब्ध कराने तथा समुचित सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा हाॅट-स्पाॅट एवं जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को समस्त सुरक्षात्मक मेडिकल किट भी उपलब्ध करायी गई है।

अन्य राज्यों के श्रमिकों को भोजन, चिकित्सीय सुविधा पुलिस ने करायी मुहैया -डीजीपी

पुलिस महानिदेशक एच.सी.अवस्थी के मुताबिक पुलिस की सक्रियता एवं तत्परता के फलस्वरूप बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों से श्रमिकों के आगमन के दौरान सतत निगरानी एवं समुचित व्यवस्था कर सुनिश्चित कराया गया कि कहीं पर भी कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न होने पाये। जहां एक ओर स्थानीय पुलिस ने श्रमिकों के आवागमन के दौरान उनको भोजन और चिकित्सीय सुविधा आदि उपलब्ध कराने में मदद की वहीं दूसरी ओर राजकीय रेलवे पुलिस ने भी स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर श्रमिकों के आवागमन की हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित कर उनकी मदद के प्रयास किये। कोरोना योद्धाओं के रूप में जहां एक ओर पुलिस कर्मियों ने उल्लेखनीय योगदान दिया है वहीं पुलिस अधिकारियों की पत्नियों की संस्था वामा सारथी द्वारा जनपदों की पुलिस लाइन में स्थित महिला कल्याण केन्द्र के माध्यम से पुलिस वालों के लिए मास्क एवं शील्ड का निर्माण भी किया गया।

पुलिस कर्मियों द्वारा इस दौरान अत्यन्त लगन व निष्ठा से कार्य करते हुए जहां एक ओर लाॅकडाउन के नियमों का पालन सुनिश्चित कराया गया वहीं पीड़ितों की सेवा व सहायता कर मानवता की एक नयी मिसाल पेश करते हुए पुलिस की छवि को और अधिक बेहतर प्रस्तुत कर जन-सामान्य के दिलों में जगह भी बनायी गयी। लाॅकडाउन लागू होने के प्रारम्भिक चरण में पुलिस रिस्पाॅन्स वेहिकल(पीआरवी) द्वारा लगभग 50 हजार जरूरतमंद व्यक्तियों को दवाएं, 02 लाख जरूरतमंद व्यक्तियों को खाद्य पदार्थ एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई साथ ही जरूरतमंद लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए भी सहायता उपलब्ध कराई गई। लाॅकडाउन के दौरान 3554 ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मी जो अपने तैनाती स्थल पर नहीं पहुंच सके थे उनके द्वारा गृह जनपद की पुलिस लाइन में आमद कर वहां से शासकीय कार्यों का निर्वहन किया गया। गोरखपुर पुलिस द्वारा लाॅकडाउन के दौरान जरूरतमंद व असहाय व्यक्तियों को 80 हजार से अधिक लंच पैकेट, 01 हजार से अधिक खाद्य सामग्री, 20 हजार से अधिक मास्क व 05 हजार लीटर सेनेटाइजर वितरित किया गया।

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