सेंचुरी ठोंकने की बधाई इण्डियन आर्मी को नहीं दोगे!

वयं राष्ट्रे जागृयाम ।(47)

-विवेकानंद शुक्ला

कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद इण्डियन आर्मी ने आतंकवादी स्वच्छता अभियान के तहत एक साल से कम समय में कल 106 आतंकवादियों को जहन्नुम पहुंचा कर सेंचुरी का आंकड़ा पार कर दिया। अभी कई सेंचुरी और बनाने के लिए आज उत्तराखंड के देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से 333 युवा अधिकारी पास आउट होकर शनिवार को इण्डियन आर्मी में शामिल हो गए। कहां गए जो कहते थे… कितने अफ़ज़ल मारोगे… हर घर से अफ़ज़ल निकलेगा। अब की बार जो अफ़ज़ल निकलेगा तो सीधे जहन्नुम जाएगा। मतलब साफ़ है कि खेल तुमने शुरू की है तो ख़त्म हम करेंगे। दहशगर्दी का आग़ाज़ तुमने किया तो अंजाम तक तुम्हें हम पहुंचाएंगे।

यह साबित कर दिया है इण्डियन आर्मी ने जब हिंदुस्तान सरकार ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया, तभी से आतंकवादियों को ढूँढ-ढूँढ कर जहन्नुम भेजा जा रहा है ,कश्मीर को आतंकमुक्त किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर में इण्डियन आर्मी के जाबाँजों ने केवल लॉकडाउन के दौरान ही 68 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया ।इण्डियन आर्मी के जाबाँजों ने इस वर्ष अभी तक 100 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया है। आज शनिवार सुबह तक कुलगाम जिले के जादूरा निपोरा इलाके में आतंकियों के साथ हुए एक मुठभेड़ में सेना के जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। अधिकारियों ने इसकी सूचना दी है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के रेबन, पिंजुरा और सुगू गांवों में एक हफ्ते से भी कम समय में हुए तीन मुठभेड़ में कम से कम 14 आतंकी मारे गए।

धारा 370 हटने के बाद सबसे ज़्यादा बदलाव हुआ है स्थानीय लोगों के सोच में,अब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को स्थानीय नेताओं और लोगों का समर्थन नही मिल पा रहा है जिससे इन दहशतगर्दों को छिपने की जगह नही मिल पा रही है।इससे स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व सरकारों ने कैसे इन दहशतगर्दों से पार्ट्नर्शिप कर रखा था।यही समय है जब आतंकवाद का सफाया हो कर रहेगा। कश्मीर में आतंकवाद की जड़ से सफ़ाई करने के साथ-साथ सीमाओं पर देश की सुरक्षा के लिए और जोड़दार तरीक़े से इण्डियन आर्मी भी तैयार हो रही है। आज उत्तराखंड के देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से 333 युवा अधिकारी पास आउट होकर शनिवार को भारतीय थल सेना में शामिल हो गए। आज सुबह आईएमए देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में 423 अधिकारियों ने हिस्सा लिया।इनमें 90 जेंटलमैन कैडेट्स नौ अलग-अलग मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम के हैं, जो अब वहां की सेना का अभिन्न अंग बन गए।इससे हिंदुस्तान की आर्मी ट्रेनिंग की विश्व स्तरीय प्रतिष्ठा को समझा जा सकता है। केवल उत्तर प्रदेश के रास्ते ही दिल्ली की कुर्सी नही मिलती हैं बल्कि देश पर जान देने में भी उत्तर प्रदेश अव्वल रहता है क्योंकि पहले की तरह ही इस बार भी उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट हुए जबकि हरियाणा 39 कैडेट्स के साथ दूसरे नम्बर पर है।उत्तराखंड के 31 कैडेट सेना में अधिकारी बने लेकिन उत्तराखंड-बिहार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर है।

मगर अफ़सोस है कि देश पर जान देने वाली इण्डियन आर्मी पर भी कुछ लेफ़्ट-लिबेरल और अर्बन नक्सल्स ऊँगली उठाते हैं । उरी और पुलवामा हमले के बाद उरी और पुलवामा हमले के बाद इण्डियन आर्मी ने जिस तरह से शौर्य दिखाते हुए पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा उससे हर देशवासी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है। शायद यह पहला अवसर था जब भारत ने किसी देश में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया हो, लेकिन भारत में कुछ लोग ऐसे भी राष्ट्रविरोधी है जो इण्डियन आर्मी के शौर्य पर ऊँगली उठाते हुए बड़ी बेशर्मी से सबूत मांगने की हिमाकत करते नजर आ रहे हैं, और मजे की बात यह है कि सेना के शौर्य पर उंगली उठाने वाले सभी विपक्ष में बैठे लोग हैं। ये लोग सरकार के विरोध में इतने अंधे हो चुके हैं कि सेना पर ही अविश्वास कर रहे हैं। और तो और, कई लोग तो सेना को गाली भी देने नहीं चूकते और सेना को बलात्कारी और सेनाध्यक्ष को सड़कछाप गुंडा कहने में भी इनको शर्म महसूस नहीं होती। पुनः इण्डियन आर्मी के जांबाजों को बहुत-बहुत बधाई और उनकी लम्बी उम्र की मंगलकामना।

मेरा देश बदल रहा है, ये पब्लिक है, सब जानने लगी है… जय हिंद-जय राष्ट्र !

 

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