विकास दुबे के रुपयों से कारोबार कर करोड़पति हुए एक दर्जन भूमिगत

आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का सता रहा डर

कानपुर। सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत की नींद सुलाने वाला मुख्य आरोपित हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे भले ही एसटीएफ की मुठभेड़ में मारा गया हो पर अभी भी उसका 100 करोड़ से अधिक रुपया शहर में कारोबार कर रहा है। करीब एक दर्जन ऐसे करोड़पति हैं जो उसके रुपये से बड़ा कारोबार कर रहे हैं, जिसकी भनक आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, एसआईटी और न्यायिक आयोग को लग चुकी है। ऐसे में यह सभी करोड़पति इन दिनों भूमिगत हो गये हैं और बचने के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक जुगाड़ फिट कर रहे हैं, हालांकि इनमें से एक विकास का मुख्य खजांची जय बाजपेयी पकड़ में आ चुका है और वह जेल में बंद है। चौबेपुर के बिकरु कांड में मुख्य आरोपित विकास दुबे सहित छह नामजद आरोपी इनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, जिससे गैंग के बचे हुए नामजद लोगों में इनकांउटर का जबरदस्त खौफ है। इसी के चलते बचे हुए लोग बराबर सरेंडर कर रहे हैं और बाहर रहकर अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह वह लोग हैं जो विकास से सीधे अपराध के लिए जुड़े थे और उसके कहने पर कुछ भी करने को तैयार रहते थे, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग हैं जो विकास के रुपयों से बड़ा कारोबार करते थे और उसके बदले विकास को ब्याज मिलती थी। इस कार्य में मुख्य भूमिका विकास के खजांची जय बाजपेयी की होती थी जो इन दिनों जेल में बंद हैं।

सूत्रों का कहना है कि विकास दुबे का 100 करोड़ से अधिक रुपया शहर में लगा हुआ है। यह सभी रुपया जय बाजपेयी के जरिये दिया गया है। बताया जा रहा है कि जय बाजपेयी दो फीसदी ब्याज पर रुपया लेकर पांच फीसदी में कारोबारियों को देता था। इसकी भनक आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, एसआईटी और न्यायिक आयोग को भी लग गयी है और सभी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। ऐसे में करीब एक दर्जन से अधिक करोड़पति कारोबारी भूमिगत हो गये हैं और बचने के लिए जुगाड़ फिट कर रहे हैं। बताते चलें कि सौरभ भदौरिया ने आयकर के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय में भी शिकायत दर्ज कराई है। इसमें सौरभ ने जय से जुड़े 12 लोगों के आय के स्रोत खंगालने का आग्रह किया है। कुख्यात विकास दुबे को लेकर जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है तमाम नए तथ्य सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि शहर के करीब दर्जन से अधिक कारोबारी विकास से रुपया लेकर कारोबार कर रहे हैं। यह रुपया अस्पताल, होटल, रेस्टोरेंट और बारातघरों पर लगा है और इन सभी का माध्यम जय बाजपेयी है। यह भी तथ्य सामने आये हैं कि करीब 25 करोड़ रुपया खुद जय बाजपेयी कारोबार के लिए विकास से लिये था।

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