दक्षिण कोरिया में जारी हुआ रेड अलर्ट, चर्च की गलती से दोबारा कोरोना संक्रमण फैलने का बढ़ा खतरा

दक्षिण कोरिया (South Korea) में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र एक बार फिर रेड अलर्ट (Red Alert) जारी कर दिया गया है. दक्षिण कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के पूरे देश में दोबारा फैलने की आशंका बढ़ गई है. एक चर्च से शुरू हुआ संक्रमण अब पहली बार दक्षिण कोरिया के सभी 17 प्रांतों में फैल चुका है. दक्षिण कोरिया में चर्च से जुड़े संक्रमण मामलों की संख्या अब बढ़कर 319 हो गई है. यह जानकारी सेंटर फ़ॉर डिजीज़ कंट्रोल के मुख्यालय से मिली है.
बता दें कि कुछ दिन पहले तक दक्षिण कोरिया को कोरोना वायरस से लड़ने में एक मॉडल देश की तरह पेश किया जा रहा था. हालांकि संक्रमण के नए मामलों में ज़्यादातर राजधानी सियोल के आस-पास के हैं. सियोल की आबादी क़रीब एक करोड़ है. सबसे बड़ी चिंता ये है कि उस चर्च में प्रार्थना के लिए जाने वाले जो लोग संक्रमित हुए हैं उनका विश्वास है कि कोरोना वायरस को एक साज़िश के तहत वहां भेजा गया था ताकि चर्च को बंद किया जा सके. इन लोगों में से कई लोग छुप गए हैं या भाग कर देश के अन्य हिस्सों में चले गए हैं. चर्च में जाकर संक्रमित होने वाले अधिकतर युवा हैं जिनकी उम्र 20 और 30 के बीच है.

चर्च का पादरी भी पॉजिटिव
इस चर्च के प्रमुख जुन-क्वांग-हूं भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अब सरकार ने उन सभी लोगों को क्वारंटाइन में जाने को कहा है जिन्होंने चर्च द्वारा आयोजित सरकार-विरोधी रैली में हिस्सा लिया था. इस पादरी पर लोगों को राजधानी सियोल में आयोजित एक सरकार-विरोधी रैली में शामिल होने के लिए आइसोलेशन के नियम तोड़ने का आरोप है. राष्ट्रपति मू जे-इन ने रैली में हिस्सा लेने वाले चर्च के सदस्यों की आलोचना की है. उन्होंने कहा, ‘इन लोगों ने दूसरों की जान ख़तरे में डालने का अक्षम्य अपराध’ किया है.’ उप स्वास्थ्य मंत्री किम गैंग-लिप ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया कि रैली में शामिल 3,400 के करीब लोगों की पहचान करके उन्हें क्वारंटाइन किया गया है.

लगातार नए केस सामने आ रहे
दक्षिण कोरिया में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 397 नए मामले सामने आए हैं. देश में एक बार फिर से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, पिछले लगातार दस दिनों से आ रहे नए मामलों की संख्या तीन अंकों में रही है. पिछले एक हफ्ते में देश की राजधानी के घनी आबादी वाले क्षेत्र में संक्रमण फैलने के साथ-साथ हर बड़े शहरों और प्रांतीय शहरों में मामले आने शुरू हो चुके हैं, जो देश के लिए एक बड़ा झटका है जो वायरस के खिलाफ अपनी संभावित जीत हासिल करने की ओर अग्रसर था. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन ने अब बड़े समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है, रात्रिकालीन सैर स्थलों, समुद्र तटों और गिरजाघरों को बंद कर दिया है और पेशेवर खेल आयोजनों में लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी है. नए मामलों में से 297 मामले सियोल महानगरीय क्षेत्र में सामने आए हैं. इसके अलावा बुसान, ग्वांगजू, दाएजियोन और दाएगू जैसे देश के अन्य प्रमुख शहरों में भी मामले सामने आए हैं.

पहले भी चर्च से ही फैला था संक्रमण
बता दें कि दक्षिण कोरिया में पहले भी एक चर्च की गलतियों के चलते कोरोना संक्रमण फैला था. इस चर्च के संस्थापक ली-मन-ही और 11 अन्य के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था. उधर ली ने दावा किया था कि ये बीमारी शैतान ने फैलाई है. हालांकि उन्होंने बाद में प्रेस के सामने आकर देश से माफ़ी मांगी थी. दक्षिण कोरिया प्रशासन ने अपनी जांच में पाया था कि शिन्चेऑन्जी चर्च के सदस्यों को कोरोना वायरस के चलते सभा न करने की एडवाइजरी जारी की गई थी. हालांकि चर्च के सदस्यों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और यहीं से ये देश भर में फैलना शुरू हुआ. प्रशासन ने बताया था कि दक्षिणी शहर दाएगू में इस चर्च के सदस्य इकठ्ठा हुआ थे और यहीं से पहले इसके सदस्यों में कोरोना वायरस फैला और यहीं से ये देश के अन्य हिस्सों तक भी पहुंच गया.

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