चारधाम यात्रा का अंतिम पड़ाव, शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने की तिथियां हुई घोषित

कोरोना काल में चारधाम यात्रा अब अंतिम पड़ाव पर है। शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित कर दी गई हैं। रविवार को विजयदशमी के पावन पर्व पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि का एलान कर दिया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को तीसरे पहर तीन बजकर 35 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे। आज गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का शुभ मुहूर्त भी निकाला गया। गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को दोपहर 12.35 मिनट पर बंद होंगे। गौरतलब है कि केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर 16 नवंबर को प्रात: 8.30 बजे बंद होंगे। साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर और गंगोत्री के कपाट अन्नकूट पर्व पर 15 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे।

19 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

आज विजयदशमी पर बदरीनाथ मंदिर में कपाट बंद करने की तिथि तय करने के लिए धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हो गया है। 19 नवंबर को बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि तय की गई है। बदरीनाथ मंदिर के परिक्रमा स्थल पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल सहित वेदपाठियों ने शास्त्र गणना कर भगवान बदरी विशाल के धाम के कपाट बंद करने की तिथि निकाली। इस साल 19 नवंबर को तीसरे पहर तीन बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जाएंगे। बद्रीनाथ को लेकर मान्यता है कि शीतकाल में देव पूजा होती है। देवताओं की ओर से नारद जी पूजा करते हैं।

द्महेश्वर और तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि भी घोषित 

विजयदशमी के अवसर पर द्वितीय केदार मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद करने की तिथियां भी घोषित कर दी गईं। ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में बदरी-केदार मेंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में पंचांग गणना के बाद तिथियों का एलान किया गया। इसके तहत मद्महेश्वर के कपाट 19 नवंबर को प्रात: 7 बजे और तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर को सुबह 11.50 बजे बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान हक हकूकधारियो, वेदपाठक, देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों की मौजूद रहे। वहीं, मद्महेश्वर मेला 22 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में आयोजित होगा।

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