सपा को हराने के लिए भाजपा को वोट देना पड़ा तो देंगे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर जारी घमासान के बीच बसपा सुप्रीमों मायावती ने सातों बागी विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है। उन्होंने इन सातों विधायकों पर दल-बदल कानून के साथ कार्रवाई करने की भी बात कही है। सपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि उसकी ये हरकत भारी पड़ेगी। गुरुवार को मीडिया से मुखातिब मायावती ने कहा कि सपा ने साजिश के तहत सात विधायकों को तोड़ा है, उनका झूठा हलफनामा दिलवाया। सपा को उसकी ये हरकत भारी पड़ेगी। मायावती ने कहा है कि सपा को सबक सिखाने के लिए वो भाजपा को वोट देना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगी। उन्होंने कहा कि एमएलसी चुनाव में बसपा जैसे को तैसा जवाब देने के लिए पूरा जोर लगाएगी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा है कि साल 2003 में अखिलेश के पिता ने भी यही गलत काम किया था, जिसके बाद 2007 में बसपा की सरकार बनी थी। उन्होंने बहुजन समाज के लोगों का अनादर किया है। गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि उस केस को वापस लेना उनका एक गलत फैसला था। आज भी उस घटना की टीस बरकरार है। मायावती ने बागी विधायकों ने बारे में कहा कि सभी 7 विधायक निलंबित किए गए हैं। बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाएगी। ये षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा। एमएलसी के चुनाव में सपा को जवाब देंगे। मायावती ने कहा कि सपा को हराने के लिए बसपा पूरी ताकत लगा देगी। विधायकों को बीजेपी समेत किसी भी विराेधी पार्टी के उम्मीदवार को वोट क्यों ना देना पड़ जाए।
ये हैं सात बागी विधायक
असलम राइनी (भिनगा-श्रावस्ती)
असलम अली (ढोलाना-हापुड़)
मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)
हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)
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