चम्पावत में साल दर साल बढ़ रहे बेरोजगार, पांच साल में 36 हजार युवाओं ने मांगी नौकरी

पर्वतीय क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ बेरोजगारी पलायन की मुख्य वजह है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अधिकांश युवा हाईस्कूल और इंटर मीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद नौकरी की तलाश में घर से बाहर निकल जाते हैं। सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत युवाओं की संख्या जिले में बेरोजगारी की स्थिति स्पष्ट कर रही है। विभाग द्वारा रोजगार शिविर भले ही लगाए जाते हैं लेकिन अपेक्षा के अनुरूप रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

सेवायोजन विभाग में प्रतिवर्ष पंजीकरण कराने वाले बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो विभाग में पंजीकरण के सापेक्ष रोजगार मिलने का आंकड़ा औसतन दस प्रतिशत के आस-पास है। जिला सेवायोजन अधिकारी आरके पंत ने बताया कि विभाग में पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार से जोडऩे के लिए समय-समय पर विभिन्न कंपनियों के शिविर लगाए जाते हैं। कंपनियां सीमित नौकरी लेकर आती हैं, जिससे अधिकांश बेरोजगारों को अवसर नहीं मिल पाता है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में 36,272 युवाओं ने सेवायोजन कार्यालय में रोजगार के लिए पंजीकरण कराया है, जिसके सापेक्ष 920 नौकरियां मिली हैं। विभाग का प्रयास प्रतिवर्ष अधिक से अधिक रोजगार मेले लगाने के प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कोविड केकारण सिर्फ तीन रोजगार शिविर लगाए जा सके हैं, जिनके माध्यम से 107 लोगों को नियुक्तियां मिली हैं।

सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगार 

वर्ष     पंजीयन   रोजगार मेले    नियुक्ति

2015   4412      10           175

2016   5883      07           54

2017   5753      10           167

2018   6855      10           388

2019   6091       02           29

2020   7278      03           107

रोजगार मेलों में आने वाले की संख्या हुई कम

सेवायोजन कार्यालय द्वारा लगाए जाने वाले रोजगार मेले में पहुंचने वाले लोगों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। इसका कारण है युवाओं को उनके मनमाफिक रोजगार न मिलना तथा मानदेय कम होना माना जा रहा है। ग्रामीण व शहरी का आकलन करें तो ग्रामीण में 18215 तथा शहरी में  6205 बेरोजगार पंजीकृत हैं। इसमें 11316 शिक्षित व 564 अन्य में शामिल हैं।

 

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