मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास जून 2021 में प्रस्तावित

अवनीश अवस्थी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की समीक्षा बैठक

लखनऊ : अपर मुख्य सचिव, गृह एवं यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक्सप्रेसवे के अन्तर्गत आने वाली भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना मुख्यमंत्री योगी, उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह परियोजना जनपद मेरठ से प्रारम्भ होकर बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, सम्भल, बंदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज तक 594 कि0मी0 लम्बाई की होगी। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना 12 जिलों की 30 तहसीलों से होकर निकल रही है। इस परियोजना में 12 पैकेज बनाए गए है। प्रत्येक पैकेज की लम्बाई 50 कि0मी0 है। इस महत्वकांक्षी परियोजना का शिलान्यास माह जून, 2021 में कराया जाना प्रस्तावित है।

इस बैठक में श्री अवस्थी ने यह बताया कि यूपीडा के पत्र के साथ परामर्शी द्वारा उपलब्ध कराए गए भू-अभिलेखों की 03 प्रतियां जनपदों में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसमें 01 प्रति जिला मुख्यालय पर 01 प्रति संबंधित तहसील में और 01 प्रति संबंधित लेखपाल को जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही श्री अवस्थी ने यह भी निर्देश दिए कि अभिलेख प्राप्त होने के तुरंत बाद तहसील कर्मचारी/अधिकारी अभिलेखीय और स्थलीय सत्यापन अनिवार्य रुप से करेंगे, उसके बाद जो भी प्रस्ताव जिला समिति द्वारा तैयार किया जाए, उसका अनुमोदन मण्डलायुक्त से कराकर यूपीडा को भेजा जाए। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण गंगा एक्सप्रेसवे के नाम से एक ग्रुप बनाया गया है, जिसमें जनपद तथा शासन एवं यूपीडा के संबंधित सभी अधिकारी/कर्मचारी जुड़े होंगे। इस ग्रुप के माध्यम से प्रतिदिन सूचनाओं का आदान-प्रदान और उनका समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए।

श्री अवस्थी द्वारा सभी को यह निर्देशित करते हुए कहा गया कि 04-04 जिलों के राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एस0डी0एम0, ए0डी0एम0 स्तर तक के अधिकारियों को लखनऊ यूपीडा मुख्यालय बैठक हेतु बुलाया जाएगा एवं उनको आवश्यक सामग्री यथा सुसंगत शासनादेश अधिग्रहण से संबंधित अधिनियम एवं नियमावली उपलब्ध करायी जाए। गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेस-वे के कैबिनेट की सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है तथा इसका डी0पी0आर तैयार कर शासन को अनुमोदन प्रेषित किया जा चुका है। श्री अवस्थी द्वारा यह भी बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए प्रस्तावित जनपदवार संरेखण का अनुमोदन परियोजना हेतु अनुमानित लागत रू0 36410 करोड़ का सैद्धान्तिक अनुमोदन प्राप्त हो चुका है, जिसमें समस्त गुणवत्ता को ध्यान में रखकर 12 पैकेजों में विभक्त कर गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य होगा। परियोजना के सिविल निर्माण की लागत रू0 26356 करोड़ रुपए अनुमानित है।

गौरतलब है कि प्रदेश का सबसे लम्बा गंगा एक्सप्रेसवे की कुल प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी0 है, जिसका प्रारम्भिक बिन्दु मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप जनपद प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दाँदू ग्राम पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे प्रदेश के 12 जनपदों होकर गुजरेगा, जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बंदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपद शामिल है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में संबंधित 09 जनपदों के जिलाधिकारी बुलन्दशहर- रवीन्द्र कुमार-द्वितीय, अमरोहा-उमेश मिश्र, सम्भल- अविनाश कृष्ण सिंह, बंदायूं- श्री कु0 प्रशान्त, शाहजहांपुर- इन्द्र विक्रम सिंह, हरदोई- श्री अविनाश कुमार, उन्नाव-रविन्द्र कुमार-प्रथम, प्रतापगढ़- डा0 रुपेश कुमार, प्रयागराज- भानू चन्द्र गोस्वामी एवं 03 जनपदों मेरठ, हापुड़, रायबरेली के जिलाधिकारियों के प्रतिनिधि के अलावा यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, श्रीशचन्द्र वर्मा, सहित यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद रहे।

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