गिरफ्तारी पर पत्रकार ने जताई सियासी साजिश की आशंका, DGP ने दिए जांच के आदेश

राजस्थान में बाड़मेर के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी के मामले में बिहारके डीजीपी केएस द्विवेदी ने जांच के आदेश दिए हैं. पटना जोन के आईजी नैय्यर हसनैन इसकी जांच कर सोमवार तक रिपोर्ट देंगे.राजस्थान में बाड़मेर के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी के मामले में बिहार के डीजीपी केएस द्विवेदी ने जांच के आदेश दिए हैं. पटना जोन के आईजी नैय्यर हसनैन इसकी जांच कर सोमवार तक रिपोर्ट देंगे.  एससी/एसटी कानून के तहत बाड़मेर के पत्रकार को पटना की एक अदालत ने मंगलवार को जेल भेज दिया था. इस अजीबो-गरीब मामले में कथित शिकायकर्ता का कहना है कि उसने कोई केस दर्ज नहीं कराया है. मगर पटना की अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है और बिहार पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार कर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.  दुर्ग सिंह राजपुरोहित पिछले 18 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि जब वह कभी बिहार आए ही नहीं, फिर कैसे उनके खिलाफ अनसूचित जाति, जनजाति कानून के तहत जेल भेज दिया गया. उन्हें आशंका है कि वह राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं.  राजनीतिक साजिश की आशंका  बता दें कि दुर्ग सिंह को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर पटना पुलिस को सौंप दिया था. मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें जेल भेज दिया गया. दुर्ग सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कुछ पता ही नहीं है. उन्हें जब राजस्थान पुलिस यहां लेकर आई तब पता चला कि किसी आदमी ने उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट का केस कराया है. शिकायत में कहा गया है कि दुर्ग सिंह गिट्टी बालू का काम करते हैं. वहीं दुर्ग सिंह का दावा है कि पिछले 18 वर्षों से उन्होंने पत्रकारिता के अलावा कोई काम नहीं किया. उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.  क्या है आरोप  दुर्ग सिंह के खिलाफ 31 मई को परिवाद 261/18 दायर किया गया था. यह केस मई 2018 में नालंदा के राकेश पासवान नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराया है. पासवान ने कथित तौर पर आरोप लगाया है कि दुर्ग सिंह ने उन्हें 6 महीने पहले मजदूरी के लिए बाड़मेर ले गए और पत्थर का खनन कराया पर पैसे नहीं दिए. साथ ही उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई. वहीं दुर्ग सिंह के पिता गुमान सिंह राजपुरोहित का कहना है कि उनका बेटा कभी बिहार आया ही नहीं तो फिर पटना आकर किसी के साथ मारपीट कैसे कर सकता है.

एससी/एसटी कानून के तहत बाड़मेर के पत्रकार को पटना की एक अदालत ने मंगलवार को जेल भेज दिया था. इस अजीबो-गरीब मामले में कथित शिकायकर्ता का कहना है कि उसने कोई केस दर्ज नहीं कराया है. मगर पटना की अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है और बिहार पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार कर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

दुर्ग सिंह राजपुरोहित पिछले 18 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि जब वह कभी बिहार आए ही नहीं, फिर कैसे उनके खिलाफ अनसूचित जाति, जनजाति कानून के तहत जेल भेज दिया गया. उन्हें आशंका है कि वह राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं.

राजनीतिक साजिश की आशंका

बता दें कि दुर्ग सिंह को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर पटना पुलिस को सौंप दिया था. मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें जेल भेज दिया गया. दुर्ग सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में कुछ पता ही नहीं है. उन्हें जब राजस्थान पुलिस यहां लेकर आई तब पता चला कि किसी आदमी ने उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट का केस कराया है. शिकायत में कहा गया है कि दुर्ग सिंह गिट्टी बालू का काम करते हैं. वहीं दुर्ग सिंह का दावा है कि पिछले 18 वर्षों से उन्होंने पत्रकारिता के अलावा कोई काम नहीं किया. उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.

क्या है आरोप

दुर्ग सिंह के खिलाफ 31 मई को परिवाद 261/18 दायर किया गया था. यह केस मई 2018 में नालंदा के राकेश पासवान नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराया है. पासवान ने कथित तौर पर आरोप लगाया है कि दुर्ग सिंह ने उन्हें 6 महीने पहले मजदूरी के लिए बाड़मेर ले गए और पत्थर का खनन कराया पर पैसे नहीं दिए. साथ ही उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई. वहीं दुर्ग सिंह के पिता गुमान सिंह राजपुरोहित का कहना है कि उनका बेटा कभी बिहार आया ही नहीं तो फिर पटना आकर किसी के साथ मारपीट कैसे कर सकता है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com