शनिवार के दिन शनिदेव की आराधना करने का विधान है। शनिदेव की उपासना करने से सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही जिन व्यक्तियों पर साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी सही हो जाता है। कहा जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से शुरू करके सात शनिवार तक शनिदेव की उपासना करने के साथ साथ उपवास रखने चाहिए। पुरे नियमानुसार पूजा तथा उपवास करने से शनिदेव की कृपा होती है तथा सभी दुख समाप्त हो जाते हैं। शनिदेव के गुस्से से बचना काफी आवश्यक होता है नहीं तो इंसान पर कई प्रकार के दोष लग जाते हैं। इसके अतिरिक्त उनकी पूजा करते इन मंत्रों का पाठ करें तो शनि देव खुश होते हैं:-
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम: , सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:। इन मुख्य मन्त्रों का जाप पूरी श्रद्धा भक्ति से करने पर शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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