स्वच्छ भारत अभियान का अगला चरणः खुले में मूत्रत्याग पर भी रोक लगायेगी सरकार

आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने खुले में शौंच से रोकने की महात्वाकांक्षी योजना के बाद अब ओडीएफ+ और ओडीएफ++मतलब खुले में मूत्र त्याग को भी रोकने का नियम लागू करने का प्रोटोकॉल जारी किया है। जो कि स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिये अगला कदम है और इनका लक्ष्य स्वच्छता परिणामों में स्थायित्व सुनिश्चित करना है। नए मानदंडों के तहत, ओडीएफ+ (खुले में शौच से मुक्त प्लस) घोषित करने के इच्छुक शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त होने के आलावा लोगों द्वारा खुले में मूत्रत्याग से भी मुक्त होना चाहिये।आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने खुले में शौंच से रोकने की महात्वाकांक्षी योजना के बाद अब ओडीएफ+ और ओडीएफ++मतलब खुले में मूत्र त्याग को भी रोकने का नियम लागू करने का प्रोटोकॉल जारी किया है। जो कि स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिये अगला कदम है और इनका लक्ष्य स्वच्छता परिणामों में स्थायित्व सुनिश्चित करना है। नए मानदंडों के तहत, ओडीएफ+ (खुले में शौच से मुक्त प्लस) घोषित करने के इच्छुक शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त होने के आलावा लोगों द्वारा खुले में मूत्रत्याग से भी मुक्त होना चाहिये।   यह पहली बार है कि स्वच्छ भारत मिशन शहरी आधिकारिक तौर पर लोगों द्वारा खुले में मूत्रत्याग की समाप्ति को अपने एजेंडे में शामिल कर रहा है। यह मिशन बुनियादी ढांचे और नियामक परिवर्तनों पर केंद्रित है और साथ ही इस धारणा पर आधारित है कि इससे लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आएगा। स्वच्छ भारत मिशन के ग्रामीण प्रभाग ने पहले कहा था कि लोगों द्वारा खुले में मूत्रत्याग की समाप्ति उनके एजेंडे में नहीं है लेकिन हाल ही में जारी प्रोटोकाल में कहा गया है कि अब ओडीएफ++ के तहत लोगों को खुले में मूत्रत्याग करने की अादत में बदलाव लाने का प्रयास किया जायेगा।   Ban: यूपी में सेहत के लिए घातक पॉलीथिन पर आज से प्रतिबंध यह भी पढ़ें   मंत्रालय ने 73 शहरों की रैंकिंग के लिए जनवरी 2016 में स्वच्छ सर्वेक्षण-2016 शुरू किया था। इसके बाद 434 शहरों की रैंकिंग के लिए जनवरी-फरवरी 2017 में स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 आयोजित किया गया। हाल में पूरा होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में 4203 शहरों की रैंकिंग की गयी। वहीं स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 18 राज्यों के शहरी इलाके तथा कुल 3223 शहर खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। इसके अलावा स्वतंत्र तीसरे पक्ष के जरिए 2712 शहरों को खुले में शौच से मुक्त प्रमाणित किया जा चुका है। इसी उद्देश्य के मद्देनजर ओडीएफ + एवं ओडीएफ ++ प्रोटोकॉल की भी शुरूआत की गई है।   परीक्षा संस्थाओं के लिए चुनौती है भर्ती माफियायों का नेटवर्क यह भी पढ़ें   बताते चलें कि मार्च 2016 में जारी मूल ओडीएफ प्रोटोकॉल के अनुसार, "एक शहर, वार्ड को ओडीएफ तब अधिसूचित किया जायेगा जब उस शहर या वार्ड में दिन के किसी भी समय, एक भी व्यक्ति खुले में शौच न करता हो।" भारत सरकार की इस योजना के तहत अब तक 2,741 शहरों को ओडीएफ के रूप में घोषित किया जा चुका है। कुछ दिन पहले जारी किये गए नए ओडीएफ+ प्रोटोकॉल के अनुसार एक शहर, वार्ड या कार्य क्षेत्र ओडीएफ+ घोषित किया जा सकता है।   मायावती और अखिलेश के मंत्रियों समेत अफसरों पर कसेगा शिकंजा यह भी पढ़ें यदि "दिन के किसी भी समय, एक भी व्यक्ति द्वारा खुले में शौच और/या मूत्रत्याग न किया जाता हो तथा सभी सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय कार्यात्मक स्थिति में हों और साथ ही बेहतर ढंग से अनुरक्षित हों। "ओडीएफ++ प्रोटोकॉल इस शर्त को जोड़ता है कि "मानव अपशिष्ट गाद, सेप्टेज और सीवेज सुरक्षित रूप से प्रबंधित और उपचारित किया जाए; नालियों, जल निकायों या खुले क्षेत्रों में अनुपचारित मानव अपशिष्ट नालियों से बाहर न रहे।    जयपुर कोर्ट लगा चुका है जुर्माना   मेरठ में देश की नंबर वन महिला टीम तैयार करने में जुटी आरएएफ बटालियन यह भी पढ़ें जयपुर में एक सरकारी परिसर की चारदिवारी के निकट सार्वजनिक रूप से पेशाब करने पर जयपुर की महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 23 की अदालत ने कुल 12 बार सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए अरोपी पर 5 हजार के अर्थदण्ड का जुर्माना लगाया था।

यह पहली बार है कि स्वच्छ भारत मिशन शहरी आधिकारिक तौर पर लोगों द्वारा खुले में मूत्रत्याग की समाप्ति को अपने एजेंडे में शामिल कर रहा है। यह मिशन बुनियादी ढांचे और नियामक परिवर्तनों पर केंद्रित है और साथ ही इस धारणा पर आधारित है कि इससे लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आएगा। स्वच्छ भारत मिशन के ग्रामीण प्रभाग ने पहले कहा था कि लोगों द्वारा खुले में मूत्रत्याग की समाप्ति उनके एजेंडे में नहीं है लेकिन हाल ही में जारी प्रोटोकाल में कहा गया है कि अब ओडीएफ++ के तहत लोगों को खुले में मूत्रत्याग करने की अादत में बदलाव लाने का प्रयास किया जायेगा।

मंत्रालय ने 73 शहरों की रैंकिंग के लिए जनवरी 2016 में स्वच्छ सर्वेक्षण-2016 शुरू किया था। इसके बाद 434 शहरों की रैंकिंग के लिए जनवरी-फरवरी 2017 में स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 आयोजित किया गया। हाल में पूरा होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में 4203 शहरों की रैंकिंग की गयी। वहीं स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 18 राज्यों के शहरी इलाके तथा कुल 3223 शहर खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। इसके अलावा स्वतंत्र तीसरे पक्ष के जरिए 2712 शहरों को खुले में शौच से मुक्त प्रमाणित किया जा चुका है। इसी उद्देश्य के मद्देनजर ओडीएफ + एवं ओडीएफ ++ प्रोटोकॉल की भी शुरूआत की गई है।

बताते चलें कि मार्च 2016 में जारी मूल ओडीएफ प्रोटोकॉल के अनुसार, “एक शहर, वार्ड को ओडीएफ तब अधिसूचित किया जायेगा जब उस शहर या वार्ड में दिन के किसी भी समय, एक भी व्यक्ति खुले में शौच न करता हो।” भारत सरकार की इस योजना के तहत अब तक 2,741 शहरों को ओडीएफ के रूप में घोषित किया जा चुका है। कुछ दिन पहले जारी किये गए नए ओडीएफ+ प्रोटोकॉल के अनुसार एक शहर, वार्ड या कार्य क्षेत्र ओडीएफ+ घोषित किया जा सकता है।

यदि “दिन के किसी भी समय, एक भी व्यक्ति द्वारा खुले में शौच और/या मूत्रत्याग न किया जाता हो तथा सभी सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालय कार्यात्मक स्थिति में हों और साथ ही बेहतर ढंग से अनुरक्षित हों। “ओडीएफ++ प्रोटोकॉल इस शर्त को जोड़ता है कि “मानव अपशिष्ट गाद, सेप्टेज और सीवेज सुरक्षित रूप से प्रबंधित और उपचारित किया जाए; नालियों, जल निकायों या खुले क्षेत्रों में अनुपचारित मानव अपशिष्ट नालियों से बाहर न रहे।  

जयपुर कोर्ट लगा चुका है जुर्माना

जयपुर में एक सरकारी परिसर की चारदिवारी के निकट सार्वजनिक रूप से पेशाब करने पर जयपुर की महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 23 की अदालत ने कुल 12 बार सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए अरोपी पर 5 हजार के अर्थदण्ड का जुर्माना लगाया था।

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