helth – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sun, 28 Sep 2025 08:02:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 योगी सरकार की उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं बनीं मॉडल, पड़ोसी राज्य अपनाने को दिखे ललायित http://www.shauryatimes.com/news/208429 Sun, 28 Sep 2025 08:01:47 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=208429 ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी चर्चा का केंद्र रहीं, जो उत्तर प्रदेश आठ साल पहले बीमारू राज्य के नाम से जाना जाता था, वर्तमान में उसी उत्तर प्रदेश की उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लोग लेते दिखे। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य के लोग जानकारी लेते हुए दिखाई दिये ताकि वह प्रदेश के उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं को अपना यहां भी लागू कर सकें। इस दौरान पूरे देश में सबसे अधिक आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ कार्ड बनाने की प्रक्रिया की भी जानकारी ले रहे थे।

अब तक 5.38 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए, देश में उत्तर प्रदेश कार्ड बनाने में अव्वल
ट्रेड शो के हाल नंबर चार के स्टॉल नंबर 9 पर में स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएआई) के तहत उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक उपलब्धियों और सशक्त स्वास्थ्य संरचना का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान साचीज़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्य सुधारों और उनके नेतृत्व में राज्य में किए जा रहे क्रांतिकारी प्रयासों को साझा किया।आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक उत्तर प्रदेश में लगभग 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश पूरे देश में इस मामले में प्रथम स्थान पर है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रदान करना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े। उत्तर प्रदेश में अब तक 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में से कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए प्रयासों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

अस्पतालों, चिकित्सा उपकरण निर्माताओं और औषधि उद्योग से जुड़े निवेशकों को निवेश के लिए किया आमंत्रित
प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को प्राथमिकता दी और राज्य के सभी नागरिकों को इससे जोड़ने के लिए कठोर प्रयास किए। योगी सरकार की नीतियों और योजनाओं के चलते उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है। उनके नेतृत्व में राज्य ने स्वास्थ्य अवसंरचना में वृद्धि की है और जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई है। मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना को राज्य के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम और अभियान चलाए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हर संभव सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया ताकि योजना का पूरा लाभ सुनिश्चित किया जा सके। प्रदर्शनी में साचीज़ के सीईओ अर्चना वर्मा ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे व्यापक बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना ने गरीब और वंचित परिवारों को न केवल मुफ्त इलाज दिया है, बल्कि उनकी ज़िंदगी में भी सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं। योजना के तहत बनाए गए आयुष्मान कार्डों ने लाभार्थियों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं। साचीज़ के सीईओ ने यह भी रेखांकित किया कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने अस्पतालों, चिकित्सा उपकरण निर्माताओं और औषधि उद्योग से जुड़े निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य विभाग एवं साचीज़ द्वारा निवेशकों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

योगी सरकार के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में निवेशकों के लिए पैदा हुए नए अवसर
प्रदर्शनी में यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश की चिकित्सा अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण दोहरी सफलता का प्रतीक है। एक ओर जहां गरीबों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ मिल रही हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य क्षेत्र के हितधारकों के लिए विकास और निवेश के नए रास्ते खुल रहे हैं। इस पहल से न केवल राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बढ़ा है, बल्कि निवेशकों के लिए नए अवसर भी पैदा हुए हैं। साचीज़ के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश को देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य बाज़ार के रूप में देखा जा सकता है, जो निवेशकों के लिए एक सशक्त और भरोसेमंद पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराता है। प्रदेश की बढ़ती स्वास्थ्य अवसंरचना ने ना केवल लाभार्थियों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं, बल्कि इसने चिकित्सा क्षेत्र में नए आयामों का भी निर्माण किया है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर, डायरेक्टर डीजीएमआईएस, नोडल अधिकारी साचीज़ डॉ. सचिन वैश्य, अमरेन्द्र सिंह महाप्रबंधक पॉलिसी एवं पब्लिक हेल्थ साचीज़, डॉ. रविकांत सिंह महाप्रबंधक संचालन साचीज़ और डॉ. नितिन गुप्ता टीम लीड टेक्निकल सपोर्ट यूनिट सहित साचीज़ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

निवेशकों की पहली पसंद बन रहा उत्तर प्रदेश
प्रदर्शनी में आयुष्मान भारत योजना और योगी सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए प्रयासों से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में हुए बदलाव को प्रदर्शित किया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग को फायदा हुआ है। अब उत्तर प्रदेश न केवल एक सशक्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में अग्रसर है, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है।

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रक्तदान से जरूरतमंदाें को मिलता है नया जीवन: मंत्री गणेश जोशी http://www.shauryatimes.com/news/206026 Sun, 14 Sep 2025 08:32:31 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=206026 देहरादून ; उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को रक्तदान शिविर में कहा कि रक्तदान महादान है, जो किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को नया जीवन देता है। उन्होंने बड़ी संख्या में युवाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं को रक्तदान शिविर में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया और इसे पुण्य का कार्य बताया।

गजियावाला घट्टीखोला स्थित आदिशक्ति मां कालिका मंदिर परिसर में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष स्वर्गीय दीपक पुण्डीर की स्मृति में आज रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इस मौके पर मंत्री जोशी ने स्वर्गीय दीपक पुण्डीर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका समाज सेवा के प्रति समर्पण सदैव स्मरणीय रहेगा। मंत्री ने शिविर स्थल पर अपना वजन जांच कर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया और उपस्थित युवाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी।

इस अवसर पर संस्थापक लक्ष्य फाउंडेशन केदार जोशी, गणेश शर्मा सोती, अनुराग, समुंदर सहित कई रक्तदाता उपस्थित रहे।

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वायरल फीवर से ग्रसित मरीजों की संख्या में इजाफा, ओपीडी में रोजाना पहुंच रहे सौ से भी ज्यादा मरीज : डॉ एस के गौतम http://www.shauryatimes.com/news/205981 Sun, 14 Sep 2025 06:21:34 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=205981 कानपुर, मौसम में बदलाव होने के चलते जिले में वायरल फीवर का असर बढ़ने लगा है। ऐसे में जिला अस्पतालों में बुखार से ग्रसित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हैलट अस्पताल में लगने वाली ओपीडी में रोजाना 600 से 800 मरीज आते हैं। जिनमें से सौ मरीज बुखार से ग्रसित पाए जा रहे हैं। अमुमन यह वायरल ठीक होने में सात से 10 दिनों का समय लेता है। शुरुआत में खांसी, जुखाम, पेट दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। समय पर इलाज न करवाने पर यह डायरिया कभी रूप ले लेता है। ऐसे में इस तरह की समस्या होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। यह बातें जानकारी रविवार को गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज मेडिसिन प्रोफेसर डॉक्टर एसके गौतम ने दी।

बदलती हुई लाइफ स्टाइल, शरीर के साथ खिलवाड़ और मौसम की मार की वजह से तरह-तरह की बीमारियां पनप रही हैं। वर्तमान में वायरल फीवर काफी तेजी से फैल रहा है। जिस वजह से जिला अस्पतालों में मरीजों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा हो रहा है। हैलट अस्पताल में लगने वाली ओपीडी में रोजाना 100 से भी ज्यादा वायरल फीवर से ग्रसित मरीज पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों में यह लक्षण पाया जा रहा है।मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन प्रोफेसर डॉ एसके गौतम ने बताया कि वायरल फीवर की शुरुआत में सबसे पहले मरीज को गले में दर्द, खांसी, जुकाम, पेट दर्द, भूख न लगना, चक्कर आना और कमजोरी लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यदि समय पर इसका इलाज न कराया जाए। तो यह डायरिया का भी ले लेता है। ऐसे में इस तरह के किसी भी लक्षण होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।

आगे उन्होंने बताया कि इसकी रोकथाम के लिए सुबह उठने से लेकर रात सोने तक अपना शेड्यूल बनाकर रखें। जिसमें पर्याप्त नींद छह से आठ घंटे, खाने में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन, समय पर उठकर योग करने जैसी बातें बताईं हैं। इसके अलावा भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे। साथ ही समय-समय हाथों को साबुन या फिर सेनेटाइजर से साफ करते रहें।

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एचआईवी की गलत रिपोर्ट देने के मामले में पालीवाल पैथोलॉजी पर डेढ़ लाख का जुर्माना http://www.shauryatimes.com/news/205841 Sat, 13 Sep 2025 09:12:41 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=205841 औरैया, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एचआईवी की गलत रिपोर्ट देने के मामले में कानपुर की पालीवाल पैथोलॉजी लैब पर सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने लैब, संबंधित डॉक्टर और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से पीड़ित महिला को डेढ़ लाख रुपये का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही 20 जुलाई 2023 से 6 प्रतिशत सालाना ब्याज और 7,000 रुपये मुकदमे का खर्च भी भुगतान करने

का फैसला सुनाया है।

मामला 12 जून 2023 का है, जब 30 वर्षीय महिला पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी। डॉक्टर ने एलिसा स्क्रीनिंग टेस्ट कराया, जिसमें उसे एचआईवी पॉजिटिव बताया गया। इस रिपोर्ट से महिला और उसका परिवार मानसिक पीड़ा और अपमान का सामना करने पर मजबूर हो गया। संदेह होने पर महिला ने दूसरी जगह जांच कराई, जिसमें वह एचआईवी नेगेटिव पाई गई। इसके बाद मामला उपभोक्ता आयोग में पहुंचा।

पीड़िता की ओर से अधिवक्ता संजीव पांडेय ने पैरवी की। अधिवक्ता ने शनिवार काे बताया कि इस मामले में शुक्रवार देर शाम चली सुनवाई के दौरान आयोग ने पाया कि पालीवाल पैथोलॉजी और संबंधित डॉक्टरों ने जांच रिपोर्ट तैयार करने में गंभीर लापरवाही बरती है। आयोग ने कहा कि ऐसी गलत रिपोर्ट से मरीज और उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा प्रभावित होती है और मानसिक आघात भी पहुंचता है।

इस पर पालीवाल पैथोलॉजी ने आयोग में सफाई देते हुए दावा किया कि उन्होंने कोई गलती नहीं की, लेकिन रिकॉर्ड और रिपोर्टों की गहन जांच के बाद आयोग ने उनकी दलीलें खारिज कर दीं। आयोग ने स्पष्ट कहा कि मरीज को गलत रिपोर्ट देने की वजह से मानसिक उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ा, इसलिए मुआवजा और ब्याज देना अनिवार्य होगा।

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हर किसी के घर में जरूर होनी चाहिए ये दवाइयां, कभी भा आ सकती है काम http://www.shauryatimes.com/news/205530 Thu, 11 Sep 2025 05:28:45 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=205530

किसी के घर में कभी भी कोई भी एमरजेंसी पड़ सकती है. जिसके लिए हम जब तक डॉक्टर तक पहुंचते हैं तब तक काफी ज्यादा देर हो जाती है. जिसके लिए हर किसी के घर में कुछ दवाइयां जरूर होनी चाहिए. जो कि कभी भी कई भी काम आ सकती है. वहीं इन दिनों हार्ट अटैक के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. जिसके लिए सही टाइम पर इलाज जरूरी है. इसके लिए आप अपने पास इन दवाइयों को जरूर रखें. ताकि जरूरत पड़ने पर ये दवाइयां आपकी जान बचा सकें.

पेनकिलर

कब कहां दर्द उठ जाएं कोई नहीं जानता है. जिसके लिए पेनकिलर काम आती है. यह दवाई दर्द और बुखार दोनों ही चीजों में काम आती है. पेनकिलर एक ऐसी दवाई है जो कि हर किसी के पास होनी ही चाहिए.

एंटी- एलर्जिक दवा

एंटी-एलर्जिक दवा एलर्जी को कम करने में मदद करती है. जैसे कि छींक, खुजली जैसी बीमारियों के लिए ये फायदेमंद होती है. आपके दवाई के डिब्बे में ये दवाई जरूर होनी चाहिए.

एसिटामिनोफेन

यह दवाई बच्चों को दर्द और बुखार में दी जाती है. वहीं जिस घर में बच्चे होते हैं उस घर में ये दवाई जरूर होनी चाहिए.

सॉबिर्ट्रेट

यह दवाई जीभ के नीचे रखी जाती है. वहीं अगर किसी का बीपी 90/60 से ज्यादा हो, तभी आप इस दवाई को लें. वहीं जिन लोगों का बीपी 90/60 से कम हो या फिर पेशेंट शॉक में हो, तो इस दवाई को ना दें.

एंटी- डायरियल दवाई

यह दवाई दस्त रोकने में मदद करती है. यह दवाई जब काम आती है जब इंसान डॉक्टर के पास जाने के लायक नहीं होता है.

हार्ट के लिए ये दवाई

एक्सपर्ट के मुताबिक, एस्पिरिन, क्लोपिडोग्रेल, एटोरवास्टेटिन और सॉर्बिट्रेट  दवाइयों को इन्हीं लाइन में हार्ट पेशेंट को दे देना चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है कि मरीज को लेटा दें और उसका सिर उठा रहने दें. इसके बाद इन्हीं लाइन में उन्हें दवाई दें.

 

 

 

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मानसून में गोभी खाने वाले हो जाएं सावधान http://www.shauryatimes.com/news/198404 Thu, 17 Jul 2025 05:09:34 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=198404

मानसून के मौसम में पत्तागोभी और फूलगोभी जैसी सब्जियों का सेवन करते हैं तो आपको सावधान करने की जरूरत है.  बरसात का मौसम हरियाली और ताजगी तो लाता है, लेकिन इसके साथ कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. खासतौर पर हरी सब्जियों को लेकर लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत होती है. इस मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाने के कारण सब्जियों पर कीड़े, बैक्टीरिया और फफूंद तेजी से पनपने लगते हैं.

ये टिप्स अपनाएं

फूलगोभी या फिर पत्तागोभी बारिश के मौसम में मिलने वाले भी खरीद कर खाना पसंद करते हैं तो पकाते समय थोड़ी सावधानी बरतें. बारिश के कीड़े इनके अंदर घुसे रहते हैं. इस मौसम में कीड़े लगना आम है. आप फूलगोभी और पत्तागोभी को ध्यान से काटें. इसे काटकर गर्म पानी में थोड़ी देर डुबाकर रखें. इसमें नमक भी थोड़ा सा डाल दें. कीड़े बाहर निकल आएंगे.

आप गोभी को सिरके वाले पानी में भी डुबाकर थोड़ी देर छोड़कर देखिए. इसमें भी थोड़ा सा नमक मिला सकते हैं. ये सब्जी वाले बरसाती कीड़े तुरंत खुद ब खुद बाहर निकल आएंगे. फिर आप साफ पानी में एक बार और सब्जियों को साफ कर लें.

एक कटोरे में गर्म पानी लें. उसमें एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच नमक डाल दें. गोभी और पत्तागोभी को 15 मिनट के लिए छोड़ दें. दोनों सब्जियों को अलग-अलग कटोरे में डालें.

सिरके को डालने से सब्जी पर लगे कीटाणु, बैक्टीरिया और फफूंद निकल जाते हैं. आप नींबू का रस, बेकिंग सोडा वाले पानी में भी फूलगोभी को काटकर डाल दें. लाभ होगा.– मार्केट में सब्जियों को साफ करने वाला लिक्विड या सैनिटाइजर भी आता है. इनका भी इस्तेमाल बारिश में सब्जियों को पकाने से पहले जरूर करें वरना आपका पेट खराब हो सकता है. पेट में इंफेक्शन हो सकता है.

आप अपने फ्रिज से बर्फ के टुकड़े निकालें. इसे एक बाउल में डालें और थोड़ा सा पानी डाल दें. इसमें फूलगोभी के छोटे-छोटे कटे हुए टुकड़ों को डालकर छोड़ दें. 10 मिनट के अंदर कीड़े ठंड से अकड़कर खुद ही पानी में ऊपर आ जाएंगे.

 

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नोएडा : कोविड संक्रमण के मरीज हुए 10, स्वास्थ्य विभाग ने कहा डरने की जरूरत नहीं, सावधानी बरतें http://www.shauryatimes.com/news/189567 Tue, 27 May 2025 06:24:39 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=189567 नोएडा। जिले में कोविड संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि छह महिलाओं समेत नौ और लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। ये सभी मामले निजी लैब में कराई गई जांचों के बाद सामने आए हैं। नए मामलों के साथ ही जिले में कुल संक्रमितों की संख्या अब 10 हो गई है। सभी मरीजों को फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री और संपर्क में आए लोगों की जानकारी एकत्र करने में जुटी हैं।

इनमें से अधिकांश मरीज बिसरख ब्लॉक की विभिन्न सोसायटियों में रहने वाले हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि इस बार के कोविड से ज्यादा खतरा लोगों को नहीं है, लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है, ना कि डरने की। अभी तक के मिले सभी मरीजों का इलाज उनके घर में ही आइसोलेशन में हो रहा है। सभी में सर्दी, जुकाम और खांसी संबंधित शिकायत देखने को मिली हैं। मौसम में हो रहे अचानक बदलाव के कारण भी यह संभव है, लेकिन इसमें कोविड के कुछ लक्षण का आना लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

जिला हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अमित कुमार ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्र जांच किट विभाग से प्राप्त कर सकते हैं। पहली कोविड मरीज के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नमूना निजी लैब से मांगा गया है और उसे नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से घबराने की बजाय सतर्कता बरतने की अपील की है। कोविड से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 8766367005 जारी किया गया है, जिस पर कॉल कर सहायता ली जा सकती है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इलाज और जांच की सभी जरूरी व्यवस्था की जा रही हैं।

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प्रयागराज के 8 गरीब दिव्यांग बच्चों को दिया जा चुका है काका इम्पलांट सर्जरी योजना का लाभ http://www.shauryatimes.com/news/188535 Thu, 15 May 2025 06:58:43 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=188535 प्रयागराज :  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में शुरू हुई काका इम्पलांट सर्जरी योजना के तहत प्रयागराज जनपद में वित्तीय वर्ष 2024—25 में 8 गरीब दिव्यांग बच्चों को लाभ दिया जा चुका है। यह जानकारी गुरूवार को दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग प्रयागराज अशोक कुमार गौतम ने दी।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद इस योजना को शुरू किया गया। इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले ऐसे दिव्यांग बच्चों का चयन किया जाता है ​जो मूकबधिर होते है और उनकी उम्र पांच वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना शुरू होने के बाद दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा प्रयागराज में संचालित आगनबड़ी केन्द्रों के माध्यम से सर्वे कराया गया और ऐसे 8 बच्चों को खोजा गया। जिन्हें अनुभवी चिकित्सकों से जांच कराने के बाद प्रयागराज शहर में संचालित ओझा नर्सिंग होम में सभी बच्चों की सर्जरी करायी गई। जिसके बाद उन सभी बच्चों को स्पीच थिरेपी भी दी गई। जिससे 8 बच्चें अब बोलने लगे। उनके माता पिता अब बच्चों की आवाज सुनने लगे।

प्रयागराज में काका इम्पलांट के लिए दो अस्पतालों का चयन किया गया है। जिसमें से एक मोतीलाल नेहरू ​मेडिकल कालेज से सम्बद्ध स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय और दूसरा टैगोर टाउन में स्थित निजी चिकित्सालय ओझा नर्सिंग होम है। पहली बार इस योजना का लाभ दिलाने के लिए ओझा नर्सिंग होम के चिकित्सकों ने सफल प्रयास किया।

जाने कैसे मिलेगा लाभ

अशोक कुमार गोतम ने बताया कि इस योजना का लाभ पाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से सम्पर्क करके आवेदन कर सकते है। यह आवश्यक है कि दिव्यांग बच्चें के माता पिता की आय एक वर्ष में दो लाख से अधिक नहीं होना चाहिए। बच्चें की उम्र पांच वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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स्वास्थ्य क्षेत्र को अग्नि सुरक्षा उपायों के प्रति संवेदनशील बनाने की जरूरत : जेपी नड्डा http://www.shauryatimes.com/news/187941 Wed, 07 May 2025 07:42:37 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=187941 नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि आपदाओं की दौरान बेहतर तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को अग्नि सुरक्षा उपायों के बारे में संवेदनशील बनाने की जरूरत है।

जेपी नड्डा दिल्ली में ‘स्वास्थ्य क्षेत्र की आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया’ और ‘स्वास्थ्य सेवाओं में अग्नि सुरक्षा’ विषय पर आयोजित दूसरी राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को आग और आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित और जागरूक किया जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि अस्पतालों में भारी मशीनें और ऑक्सीजन व अन्य रसायन होते हैं जो एक ओर जिंदगियां बचाते हैं लेकिन दूसरी ओर बहुत जल्दी आग पकड़ सकते हैं। इसलिए इनसे सावधानी से निपटना बहुत जरूरी है।

नड्डा ने चेताया कि यदि हम आपदा और आग की तैयारी को लेकर लापरवाह रहते हैं तो यह धीरे-धीरे अनदेखी और अंततः दुर्घटना का कारण बनती है।

यह कार्यशाला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की आपदा प्रबंधन इकाई द्वारा फायर सेफ्टी वीक के अंतर्गत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा नोडल अधिकारियों के सहयोग से आयोजित की गई थी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमें आपदाओं से पहले की तैयारियों पर ध्यान देना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बिना रुके, पूरी गुणवत्ता के साथ मिलती रहें और हम किसी भी अनहोनी के लिए तैयार रहें।

उन्होंने कहा कि केवल ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारी ही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारी और स्वास्थ्य कर्मी भी इस जिम्मेदारी को समझें और एक-दूसरे का आत्मविश्वास बढ़ाएं।

नड्डा ने कहा कि यह कार्यशाला केवल सरकारी अस्पतालों के लिए नहीं है, बल्कि निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम्स, प्रसव केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और अन्य सभी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए भी है।

स्वास्थ्य सचिव पुन्या सलीला श्रीवास्तव ने कहा कि हमें स्वास्थ्य संस्थानों में आग से बचाव और आपदा से निपटने की तैयारी की आदत डालनी चाहिए और समय-समय पर उसकी योजना बनाकर अभ्यास भी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय अस्पताल ही लोगों के लिए आशा की किरण होते हैं, इसलिए अस्पतालों की आपदा प्रबंधन व्यवस्था बेहद महत्वपूर्ण है।

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नीम की पत्ती ही नहीं, फूल भी है औषधीय गुणों का खजाना, हीटवेव हो या अपच, मिलती है चुटकियों में राहत http://www.shauryatimes.com/news/187690 Tue, 06 May 2025 07:48:51 +0000 https://www.shauryatimes.com/?p=187690 नई दिल्ली। कड़वी लेकिन अनगिनत फायदों वाली नीम की पत्तियों को तो आपने खूब चबाया होगा, लेकिन क्या कभी उसका फूल खाया है? गर्मी के दिन में तपती दुपहरिया में घर से निकलना हो तो दादी-नानी छोटे-छोटे खूबसूरत और सौंधी खुशबू वाले फूल, उससे बना शर्बत हो या भूजिया जरूर खिलाती थीं। वजह उसके पोषक तत्व थे। ये न केवल हीटवेव से बचाने में सक्षम हैं बल्कि गर्मी के दिनों के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

टेलर एंड फ्रांसिस में प्रकाशित एक शोध पत्र (जून 2024) में नीम के फूलों की खासियत बताई गई है। अध्ययन नीम के फूलों के औषधीय गुणों की खोज करता है, अन्य पौधों के भागों की तुलना में उनके कम हानिकारक और अधिक लाभदायक होने की क्षमता पर प्रकाश डालता है। क्लोरोफॉर्म, एथिल एसीटेट, इथेनॉल और मेथनॉल सहित उनकी पोलेरिटी के आधार पर सॉल्वैंट्स का उपयोग करके फाइटोकेमिकल्स निकाले गए। मधुमेह विरोधी और कैंसर विरोधी गुणों का पता लगाने के लिए इन चार अर्कों का विश्लेषण किया गया। इनमें इथेनॉलिक अर्क मधुमेह और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सबसे प्रभावी पाया गया।

भारत के लगभग हर घर में बचपन से लोग बड़े बुजुर्गों को इसके गुणों का बखान करते सुनते आए हैं। नीम की पत्तियों और टहनी की तरह फूल को भी आयुर्वेद में बेहद कारगर औषधि का दर्जा प्राप्त है। नीम के छोटे-छोटे फूलों में बड़ी-बड़ी समस्याओं को दूर करने की ताकत है। गर्मी के दिनों में नीम का फूल इंसानों के लिए प्रकृति का तोहफा है। रोजाना इसके सेवन करने से खून साफ होता है, चेहरे पर ग्लो आता है और दाग-धब्बे, मुंहासों के साथ इंफेक्शन से भी मुक्ति मिलती है। इसमें मौजूद एंटी फंगल गुण, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण और एंटी बैक्टीरियल गुण शरीर के लिए बहुत उपयोगी हैं।

नीम के फूलों से बनी शरबत हो या भुजिया, सेहत के लिए दोनों ही फायदेमंद हैं। उत्तर भारत में नीम के फूल को सरसों के तेल और जीरे की छौंक के साथ भुजिया के तौर पर बनाया जाता है, तो वहीं दक्षिण भारत में कई तरह के व्यंजनों को बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। नीम के फूल का शरबत पेट को बेहतर और पाचन तंत्र को बेहतर करने, खून साफ करने के साथ मधुमेह के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसमें मौजूद गुण पेट को साफ और पाचन तंत्र को हेल्दी रखते हैं। अपच, वात, कब्ज समेत अन्य समस्याओं में भी यह बहुत उपयोगी है।

इसके सेवन से पेट में मौजूद कीड़े भी खत्म हो जाते हैं। फूलों में मौजूद एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण पाए जाते हैं। स्किन से जुड़ी समस्याओं में भी फायदा मिलता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही भूख भी बढ़ाता है। गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप और बढ़ते तापमान के कारण सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ऐसे में नीम के फूलों का शरबत पीना शरीर के लिए लाभदायी है।

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