अंकुश लगाने के लिए जल्द अध्यादेश लाने की है तैयारी – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 19 Sep 2020 05:26:35 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 लव जेहाद की घटनाओं पर सख्त हुई योगी सरकार, अंकुश लगाने के लिए जल्द अध्यादेश लाने की है तैयारी http://www.shauryatimes.com/news/84419 Sat, 19 Sep 2020 05:18:58 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=84419 उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद गंभीर है। लव जेहाद की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जल्द राज्य में कानून बनने जा रहा है। जबरन धर्मांतरण की रोकथाम के लिए कड़े कानून का मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है। न्याय व गृह विभाग ने इसके लिए आठ राज्यों में लागू कानून का गहन अध्ययन किया है। दूसरों राज्यों के कानून के प्रमुख तथ्यों को इसमें शामिल भी किया है। राज्य सरकार जल्द लव जेहाद के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी में है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक मानसिकता से जबरन धर्मांतरण के मामलों को लेकर कानून बनाने की पहले करने को कहा था। सूबे में लव जेहाद की बढ़ती घटनाओं के चलते सरकार यह कदम उठा रही है। बीते दिनों कानपुर में लव जेहाद के मामलों को लेकर भी सीएम योगी ने कड़े निर्देश दिए थे। कानपुर में सीओ विकास पांडेय के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) लव जेहाद के 14 मामलों की जांच कर रहा है। इन घटनाओं के पीछे कहीं कुछ खास लोगों अथवा किसी संगठन की भूमिका की भी छानबीन की जा रही है। एसआइटी जल्द अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

उत्तर प्रदेश में बीते दिनों कई ऐसी घटनाएं भी सामने आईं, जिनमें पहले महिला को प्रेम के जाल में फंसाकर जबरन धर्मांतरण कराया गया और फिर उनके साथ क्रूरता की गई। मेरठ में तो मां-बेटी की हत्या कर उन्हें घर में ही दफन कर दिया गया था। वर्तमान में जबरन धर्मांतरण के विरुद्ध अरुणांचल प्रदेश, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमांचल प्रदेश, झारखंड व उत्तराखंड में कानून लागू है। उड़ीसा इस कानून को लागू करने वाला पहला प्रदेश है।

विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण की रोकथाम के लिए कानून बनाने के लिए उत्तर प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल-2019 का प्रस्ताव शासन को सौपा था। विधि आयोग ने दूसरे राज्यों में लागू कानून की बारीकियों को देखते हुए अपना प्रस्ताव बनाया था। आयोग ने इसकी रोकथाम के लिए प्रदेश में पर्याप्त कानून न होने की बात भी कही थी। सूत्रों का कहना है कि विधि आयोग के प्रस्ताव के आधार पर ही न्याय विभाग व गृह विभाग के अधिकारी नए मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

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