अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में चिकित्सालय द्वारा सरकार को चूना लगाने के मामले में दो अस्‍पतालों को नोटिस भेजा – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Thu, 06 Jun 2019 08:50:02 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में घोटालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है…. http://www.shauryatimes.com/news/44449 Thu, 06 Jun 2019 08:50:02 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=44449 अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में घोटालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला अब हरिद्वार के आरोग्यम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का है। यहां योजना के नाम पर लाखों रुपये का फर्जी क्लेम डकार लिया। जांच में यह भी पता लगा है कि मेडिकल कॉलेज एमसीआइ से मान्यता प्राप्त नहीं है। ऐसे में अस्पताल की सूचीबद्धता निलंबित करने के साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब 15 दिन के भीतर देना होगा।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के निदेशक (प्रशासन) डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि इस अस्पताल ने सूचीबद्ध होने के लिए आवेदन के समय खुद को मेडिकल कॉलेज दर्शाया था। वह एमसीआइ की वेबसाइट पर पंजीकृत ही नहीं है। इसके अलावा भी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ने कई तरह से जालसाजी कर लाखों रुपये का क्लेम हड़पा है।

डॉ त्रिपाठी ने बताया कि हाल ही में अस्पताल की ओर से जो क्लेम प्रस्तुत किए गए थे, उन्हें तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। अस्पताल की सूचीबद्धता भी निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।

प्री-ऑथ अप्रूवल बिना सर्जरी

अस्पताल में सूचीबद्धता के बाद से 22 मई तक कुल 18 मरीज ऐसे रहे जिनकी सर्जरी बिना प्री ऑथ अप्रूवल के की गई। जबकि, ऐसा संभव नहीं है। इनमें से 17 मरीजों का इलाज दर्शाकर अस्पताल ने कुल 3.37 लाख रुपये क्लेम के रूप में हासिल किया। एक मरीज का 25 हजार रुपये अभी जारी नहीं किया गया है।

भर्ती के बाद रेफरल पर्ची

अस्पताल ने जल्दबाजी में इतना फर्जीवाड़ा किया कि अब वह जांच में बुरी तरह से फंस गया। यहां दो मरीजों को भर्ती होने के बाद रेफरल पर्ची दी गई। पंकज वर्मा नाम के मरीज को 29 मार्च को अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसके पास जो इमली खेड़ा सीएचसी की रेफरल स्लिप थी उसमें तारीख एक अप्रैल अंकित थी।

इसी तरह से गौमती नाम की महिला को सीएचसी भगवानपुर से 11 जनवरी को रेफर किया गया, लेकिन गौमती नौ जनवरी को ही आरोग्यम मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती थीं।

एक डॉक्टर और ऑपरेशन तमाम 

आरोग्यम अस्पताल ने सूचीबद्ध होने के समय जानकारी दी थी कि उनके पास एक जनरल सर्जन और एक निष्चेतक की टीम मौजूद है। यही टीम यहां पर सर्जरी करती है। जांच टीम ने जब अस्पताल में दस्तावेज जांचे तो पता चला कि चार फरवरी को अकेले डॉक्टर ने छह घंटे के भीतर चार और 18 फरवरी को आठ घंटे में आठ लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की। ऐसे में यह गुणवत्ता पर सवाल उठाता है कि एक ही डॉक्टर इतने कम समय में इस तरह ऑपरेशन पर ऑपरेशन कर रहा है।

ईएनटी सर्जन नहीं पर सर्जरी हुई

अस्पताल में कई सर्जरी नाक कान गले की भी हुई, लेकिन अस्पताल ने अपने यहां कोई ईएनटी सर्जन या अन्य चिकित्सक होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। अस्पताल में कुल 43 मामले ईएनटी सर्जरी के आए।

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अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में चिकित्सालय द्वारा सरकार को चूना लगाने के मामले में दो अस्‍पतालों को नोटिस भेजा http://www.shauryatimes.com/news/43962 Sun, 02 Jun 2019 07:23:34 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=43962 अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में निजी चिकित्सालय सरकार को चूना लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस कड़ी में दो और अस्पतालों द्वारा गलत जानकारी और धोखाधड़ी कर मरीजों का इलाज करने और क्लेम लेने का मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच में इसकी पुष्टि होने पर कार्यालय अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने विनोद आर्थो क्लीनिक, देहरादून और बृजेश हॉस्पिटल, रामनगर, नैनीताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दोनों को 15 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं। तब तक दोनों अस्पतालों की सूचीबद्धता को निलंबित करते हुए इनके समस्त लंबित देयकों के भुगतान पर रोक लगा दी है।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना, कार्यालय को कुछ समय पहले देहरादून स्थित विनोद आर्थो क्लीनिक के खिलाफ गलत दस्तावेजों के आधार पर भुगतान प्राप्त करने की सूचना मिली थी। इस पर जब जांच की गई तो पता चला कि क्लीनिक ने 126 केस में से 22 केस पर बिना पूर्व अनुमति के ही सर्जरी कर दी है। इसके अलावा अन्य 135 केस में से 75 केस में एक ही रोगी के एक से अधिक पैकेज में इलाज दिखाकर भुगतान प्राप्त किया गया है। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना कार्यालय ने इस प्रकार के प्रकरणों को धोखाधड़ी और मरीजों को खतरे में डालना करार दिया है। यहां तक कि सूचीबद्धता के समय क्लीनिक में तैनात चिकित्सकों के संबंध में गलत जानकारी दी गई है। शासन ने विनोद आर्थो क्लीनिक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों के भीतर पक्ष रखने को कहा है। 

इसी प्रकार बृजेश हॉस्पिटल, रामनगर नैनीताल ने 279 में से 61 मामलों में बिना पूर्व अनुमति के ही इलाज व सर्जरी की है। इनमें से कई मामलों में हॉस्पिटल प्रबंधन ने नियमविरुद्ध मरीजों से इलाज का शुल्क भी लिया है और इनका भुगतान भी अटल आयुष्मान योजना के तहत प्राप्त कर लिया है। इस प्रकरण को गंभीर पाते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन को नोटिस देकर 15 दिनों के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। दोनों अस्पतालों को ऐसा न करने की स्थिति में एकपक्षीय कार्यवाही अमल में लाने की भी चेतावनी दी गई है। 

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