अफजल गुरु के बेटे ने कहा- भारतीय होने पर गर्व है – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 06 Mar 2019 05:49:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अफजल गुरु के बेटे ने कहा- भारतीय होने पर गर्व है, मां ने आतंकवादी बनने से बचा लिया http://www.shauryatimes.com/news/34702 Wed, 06 Mar 2019 05:49:27 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=34702 संसद हमले के दोषी जम्मू-कश्मीर निवासी अफजल गुरु के बेटे 18 वर्षीय गालिब गुरु ने कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि पिता को फांसी दिए जाने के बाद उन्हें बदला लेने के लिए काफी उकसाया गया, लेकिन उनकी मां ने उन्हें आतंकवादी बनने से बचा लिया। अब उनके पास अपनी पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड भी है। गालिब गुरु ने अब पासपोर्ट के लिए आवदेन किया है।

मालूम हो कि अफजल गुरु के बेटे गालिब गुरु ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा काफी अच्छे अंकों से पास की है। समाचार एजेंसियों से की गई बातचीत में गालिब ने कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहते हैं। गालिब के अनुसार वह पांच मई 2019 को होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह इस परीक्षा में चयनित हो जाएंगे। अगर उन्हें भारत में मेडिकल में प्रवेश नहीं मिला तो वह विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं। गालिब ने बताया कि तुर्की के एक कॉलेज से उन्हें स्कॉलरशिप भी मिल सकती है। विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने और विदेशी विश्वविद्यालय से छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए उन्हें भारतीय पासपोर्ट की जरूरत है।

गालिब ने बताया कि उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड प्राप्त हो चुका है। इसके बाद उन्होंने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है। अगर उन्हें पासपोर्ट भी मिल जाता है तो उन्हें बहुत खुशी होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे भारतीय होने पर गर्व है। अगर मुझे पासपोर्ट मिल जाता है, तो मुझे और गर्व होगा। गालिब, फिलहाल गुलशनाबाद की पहाड़ियों पर अपने नाना गुलाम मुहम्मद और मां तबस्सुम के साथ रहते हैं।

पिता का बदला लेने के लिए आतंकियों ने उकसाया था

गालिब बताते हैं कि उनके पिता अफजल गुरु को फांसी होने के बाद घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों ने उन्हें पिता की मौत का बदला लेने के लिए बहुत उकसाया था। उनका माइंड वॉश करने का कई बार प्रयास किया गया। इन संगठनों का मकसद गालिब को आतंकी बनाकर भारत के खिलाफ प्रयोग करने का था। गालिब ने बताया कि हमने पूर्व में हुई गलतियों से बहुत कुछ सीखा है। इसलिए वह आतंकियों के जाल से बच गए। इसका क्रेडिट वह अपनी मां को देते हैं। गालिब के अनुसार उनकी मां ने उन्हें आतंकवादी बनने से बचा लिया।

पिता का अधूर सपना पूरा करेंगे

गालिब के अनुसार वह अपने पिता का अधूरा सपना पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता भी डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन वह अपना मेडिकल करियर पूरा नहीं कर सके। लिहाजा अब वह अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर पिता के सपने को साकार करना चाहते हैं।

2001 में हुआ था संसद हमला

भारतीय संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड और दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। संसद पर हमले के लिए पांच आतंकी सफेद रंग की अंबेस्डर कार से अंदर घुसे थे। अंदर घुसने के बाद आतंकियों ने संसद भवन में ताबड़तोड़ फायरिंग कर और ग्रेनेड बरसाकर पूरे देश को हिला दिया था। आतंकवादी करीब 45 मिनट तक संसद में खूनी खेल खेलते रहे, जब तक की उन्हें मार गिराया नहीं गया। अफजल गुरु इस हमले का मास्टर माइंड था। उसे बाद में गिरफ्तार कर केस चला, जिसमें उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। जैश-ए-मुहम्मद ने उसी के नाम से अफजल गुरू सुसाइड स्क्वॉड बनाया हुआ है, जिसमें आत्मघाती हमलावरों को शामिल किया जाता है। बाताया जाता है कि इसी आत्मघाती स्क्वॉड द्वारा पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर भी हमला कराया गया था।

सुरक्षाकर्मियों ने हमेशा प्रोत्साहित किया

अफजल गुरु के बेटे गालिब ने बताया कि उसके घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान गांव की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। उनके गांव का माहौल काफी शांत रहता है। यहां तक कि आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भी उनके गांव में कोई तनाव नहीं फैला। गालिब के अनुसार वह कई मौके पर घाटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों से मिलते रहते हैं। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें कभी परेशान नहीं किया। सुरक्षाकर्मियों ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया है।

नाना ने गालिब पर जताया भरोसा

गालिब के नाना गुलाम मुहम्मद भी काफी पढ़े-लिखे हैं। फर्राटेदार अंग्रेजी में उन्होंने न्यूज एजेंसी को बताया कि उन्हें अपने पोते पर गर्व है। उसे 10वीं की परीक्षा में 95 फीसद और 12वीं की परीक्षा में 89 फीसद अंक मिले थे। नाना ने कहा कि गालिब उस सपने को जरूर पूरा करेगा, जो उसके पिता पूरा नहीं कर सके थे। उन्होंने भरोसा जताया कि गुलाम एक दिन डॉक्टर जरूर बनेगा।

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