अफवाहों पर न दें ध्यान – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Fri, 05 Mar 2021 07:18:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अफवाहों पर न दें ध्यान, यहां जानें- वैक्सीनेशन से जुड़े सवालों का जवाब http://www.shauryatimes.com/news/104311 Fri, 05 Mar 2021 07:18:37 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=104311 देश में जहां टीकाकरण अभियान रफ्तार पकड़ रहा है, वहीं अफवाहें लोगों को भ्रमित कर रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने उन तमाम दुविधाओं और शंकाओं का निराकरण किया है, जिसके बारे में लोग बार-बार सवाल करते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण संबंधी शंकाओं का निराकरण किया है। आइये जानते है आपके हर सवालों का जवाब..

क्या वैक्सीन प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है?

इंटरनेट मीडिया पर चल रही इन बातों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरी तरह असत्य, आधारहीन व अफवाह बताया है। उसका कहना है कि कोविड-19 की वैक्सीन से बांझपन का खतरा कतई नहीं है। कोई भी वैक्सीन प्रजनन को प्रभावित नहीं करती। सभी वैक्सीन का पहले जानवरों पर परीक्षण किया जाता है और अगर उन पर कोई प्रतिकूल असर नहीं दिखता है तब मनुष्यों पर परीक्षण किया जाता है। वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति तभी दी जाती है, जब वह सुरक्षित व प्रभावी पाई जाती है।

वैक्सीन लेने के बाद क्या एहतियात बरतनी चाहिए?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने आश्वस्त किया है कि देश में दी जा रहीं दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं। टीकाकरण के बाद अगर कोई असुविधा या शिकायत होती है तो नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें अथवा को-विन एसएमएस से प्राप्त स्वास्थ्य कर्मी के फोन नंबर पर कॉल करें।

कोविड-19 वैक्सीन लेने से पहले कौन सी दवाएं नहीं लेनी चाहिए और कितने समय तक?

मंत्रालय के अनुसार ऐसा कोई निर्देश नहीं है। आप जो दवाएं ले रहे हों उन्हें लेते रहें। बस उनके बारे में वैक्सीन लगाने वाले को जरूर बता दें।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने रक्तस्त्राव व खून का थक्का न बनने संबंधी बीमारी वालों के टीकाकरण में सतर्कता बरतने को कहा है। इन बीमारियों का कैसे पता चलेगा?

मंत्रालय ने रक्त संबधी विकार जैसे हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को उन चिकित्सकों की निगरानी में टीकाकरण किया जाना है, जिनसे वे अपना इलाज करवा रहे हैं। जो रक्तस्त्राव की परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें वैक्सीन तब तक नहीं लेनी चाहिए जब तक अस्पताल से छुट्टी नहीं मिल जाती। दिल और दिमाग के विकार से पीडि़त जो लोग एस्पिरिन या एंटी प्लैटलेट दवाएं ले रहे हों वे अपनी दवाएं जारी रखते हुए वैक्सीन ले सकते हैं।

हाइपरटेंशन, डायबिटिक मेलिटस, क्रॉनिक किडनी डिजीज, दिल संबंधी बीमारी या लिपिड डिस्ऑर्डर है तो क्या वैक्सीन लेना सुरक्षित रहेगा?

एक से अधिक बीमारियों से पीडि़त लोगों के लिए भी वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जिन लोगों को उपरोक्त बीमारियां हैं उन्हें तो वैक्सीन का अधिकतम फायदा होगा। फिर भी अगर आप किसी कारण से चिंतित हों तो अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

क्या जिन्हें पुरानी बीमारियां हैं उन्हें वैक्सीन नहीं दी जाएगी?

मंत्रालय ने दोहराया कि पुरानी बीमारियों के साथ-साथ कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल, पल्मोनरी, मेटाबॉलिक, रीनल और मैलिग्नेंसीज जैसी बीमारियों से पीडि़त लोगों को भी टीका देने की मनाही नहीं है। वास्तव में यह वैक्सीन उन्हें गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित होने और असमय मृत्यु से बचाएगी।

क्या कोरोना का इलाज हो चुका हो तब भी वैक्सीन लेनी चाहिए?

अभी तक यह साबित नहीं हो सका है कि प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित होने में कितना समय लगता है और वह कितने समय तक ठहरती है। इसलिए, स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना को मात दे चुके लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की सलाह देता है। हालांकि, कोविड-19 से उबरने के बाद टीका लेने के लिए चार से आठ हफ्ते तक इंतजार करना चाहिए।

क्या किसी दवा विशेष से एलर्जी हो तब भी वैक्सीन ले सकते हैं?

मंत्रालय ने उन लोगों का एक वर्ग तय किया है, जिन्हें किसी दवा, खाना अथवा सुई से एलर्जी आदि की समस्या है। इस वर्ग के लोगों को टीका न लेने की सलाह दी जाती है।

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