अब आपके स्मार्टफोन के जरिए होगा ड्राइविंग टेस्ट – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 04 Nov 2019 09:40:56 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अब आपके स्मार्टफोन के जरिए होगा ड्राइविंग टेस्ट, Microsoft ने डेवलप की तकनीक http://www.shauryatimes.com/news/63085 Mon, 04 Nov 2019 09:40:56 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=63085 दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक Microsoft ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर आधारित नई तकनीक डेवलप की है। इस तकनीक के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस बनाना बेहद आसान हो जाएगा। कंपनी फिलहाल इस स्मार्ट HAMS तकनीक की टेस्टिंग भारत में कर रही है। इस नई तकनीक को देहरादून में टेस्ट किया जा रहा है। Microsoft के AI बेस्ड इस नई HAMS तकनीक की बात करें तो इसे Microsoft की रिसर्च टीम ने डेवलप किया है। इस तकनीक के जरिए ड्राइवर के स्मार्टफोन के फ्रंट और रियर कैमरों और अन्य सेंसर की मदद से ड्राइवर को मॉनिटर किया जा सकेगा। साथ ही साथ इस तकनीक की मदद से ड्राइविंग टेस्ट के दौरान आगे आने वाले रोड को भी मॉनिटर किया जा सकेगा।

HAMS कैसे करेगा काम?

आप भी सोच रहे होंगे कि ड्राइवर के स्मार्टफोन के जरिए यह नई AI तकनीक कैसे काम करेगी? आपको बता दें कि आजकल आने वाले लगभग सभी स्मार्टफोन में फ्रंट और रियर कैमरा दिया जाता है। साथ ही साथ स्मार्टफोन्स में कई ऐसे सेंसर भी होते हैं, जिसके जरिए यूजर्स की एक्टिविटी के बारे में पता चलती है। Microsoft रिसर्च टीम ने ड्राइवर के स्मार्टफोन के कैमरे और सेंसर का इस्तेमाल करके गाड़ी की ट्रेजेक्टरी को मॉनिटर किया है। यानि की ड्राइविंग टेस्ट के दौरान अगर गाड़ी की ट्रेजेक्टरी सही नहीं होगी तो ड्राइविंग टेस्ट फेल हो जाएगी।

स्मार्टफोन के कैमरे के जरिए आगे आने वाले रोड के बारे में पता लगेगा, जिसके आधार पर ड्राइविंग टेस्ट देने आए ड्राइवर की एबिलिटी का पता लगाया जा सकेगा। ये तकनीक ये भी पता लगाएगी कि ड्राइवर गाड़ी ड्राइव करने से पहले अपने कार के मिरर को स्कैन करता है कि नहीं या फिर हर वो बारिक चीजें जिसे ड्राइवर को गाड़ी चलाने से पहले नजर रखनी चाहिए, उसको मॉनिटर किया जा सकेगा।

क्या है मकसद?

इस टेक्नोलॉजी का मकसद ड्राइविंग टेस्ट को और भी एक्युरेट बनाना है, ताकि ड्राइविंग लाइसेंग होल्डर सड़क पर सही तरीके से ड्राइविंग कर सकें और होने वाले एक्सीडेंट की संख्या में कमी लाई जा सके। Microsoft फिलहाल इस तकनीक को देहरादून RTO के साथ मिलकर टेस्ट कर रहा है। उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के साथ मिलकर इस AI आधारित टेस्ट के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को पूरी की जा रही है। अगर, ये टेस्ट सफल रहा तो आने वाले समय में अन्य सरकारों और RTO द्वारा इस तकनीक का इस्तेमाल करके ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इससे भारत में बढ़ते रोड एक्सीडेंट पर लगाम लगाया जा सकता है।

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