अब घोड़ा-खच्चर भी करेंगे केदारनाथ पैदल मार्ग पर आराम – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Mon, 25 Nov 2019 09:48:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अब घोड़ा-खच्चर भी करेंगे केदारनाथ पैदल मार्ग पर आराम, पढ़िए पूरी खबर http://www.shauryatimes.com/news/66479 Mon, 25 Nov 2019 09:48:16 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=66479 यात्राकाल के दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी संख्या में घोड़ा-खच्चर काल-कवलित हो जाते हैं। इसकी वजह बनती है पैदल मार्ग की थकान और आराम के लिए घोड़ा पड़ाव न होना। इसी के मद्देनजर पशुपालन विभाग ने पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर पार्किंग और चार अस्थायी पशु चिकित्सालय स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी है, जिससे बीच-बीच में घोड़ा-खच्चर को आराम मिल सके।

केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर की भूमिका सबसे अहम होती है। आधे से अधिक यात्री घोड़ा-खच्चर से ही बाबा के दर्शनों को पहुंचते हैं। इस वर्ष भी पांच लाख से अधिक यात्री घोड़ा-खच्चर से ही केदारनाथ पहुंचे। इसके लिए सात हजार से अधिक घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार इनमें से 300 से अधिक घोड़ा-खच्चर की विभिन्न बीमारियों से मौत हो गई, लेकिन प्रशासन के पास सौ के आसपास का ही आंकड़ा है।

हालांकि, इस आंकड़े को भी बहुत बड़ा मानते हुए पशुपालन विभाग की टीम पिछले दिनों वैष्णो देवी की यात्र का अध्ययन करने गई थी। यहां लौटकर टीम ने अपने सुझाव प्रशासन को दिए। टीम का तर्क है कि केदारनाथ जाने वाले घोड़ा-खच्चर एक दिन में औसतन 45 किमी का सफर करते हैं। जिससे वो थककर चूर हो जाते हैं। पैदल मार्ग में उनके आराम के लिए कोई स्थान उपलब्ध नहीं है। जिससे कई बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं, जो आखिरकार उनकी मौत की वजह बनती हैं।

इन्हीं तमाम बिंदुओं को केंद्र में रखकर विभाग ने अब घोड़ा-खच्चर संचालन को रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत सोनप्रयाग, भीमबली और रामबाड़ा में बहुमंजिला घोड़ा पार्किंग बनाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा घोड़ा-खच्चरों के संचालन का तौर-तरीका बदलने के साथ ही सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिनचोली और केदारनाथ में अस्थायी पशुचिकित्सा शिविर भी बनाए जाने हैं, जिससे समय रहते घोड़ा-खच्चर को उपचार मिल सके। इससे उनकी मौत का आंकड़ा काफी कम हो जाएगा।

पशुपालन विभाग के सुझावों पर डीएम मंगेश घिल्डियाल ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता को पार्किंग के लिए स्थान तलाशने के निर्देश दिए हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी -रमेश नितवाल ने बताया कि वैष्णो देवी यात्र का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद केदारनाथ यात्र को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं। इस संबंध में डीएम ने भी आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

घोड़ा-खच्चरों के लिए अलग हो रास्ता

पशुपालन विभाग ने घोड़ा-खच्चर के लिए अलग से रास्ता बनाने का सुझाव भी दिया है। सामान ढोने वाले घोड़ा-खच्चर भी रात के वक्त ही पैदल मार्ग पर जाएं। इससे पैदल यात्रियों को दिक्कत नहीं होगी। विदित हो कि पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की आपसी टक्कर में अक्सर पैदल यात्री चोटिल हो जाते हैं।

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