अब यह भी तय करेगी केजरीवाल सरकार! की आपकी शादी में कितने बराती होंगे शामिल? – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Wed, 12 Dec 2018 10:44:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अब यह भी तय करेगी केजरीवाल सरकार! की आपकी शादी में कितने बराती होंगे शामिल? http://www.shauryatimes.com/news/22522 Wed, 12 Dec 2018 10:44:58 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=22522  दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह तामझाम वाले शादी समारोहों में अतिथियों की संख्या सीमित करने और कैटरिंग व्यवस्था को संस्थागत करने की नीति पर विचार कर रही है। यह कदम ऐसे समारोहों में भोजन की बर्बादी रोकने के लिए उठाया जाएगा।

जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ को दिल्ली के मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने बताया कि छह दिसंबर के आदेश में कोर्ट द्वारा उठाए गए मुद्दे पर चर्चा की गई है। कोर्ट ने शादी समारोहों में भोजन की बर्बादी और पानी के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी।

अदालत में मौजूद देव ने कहा कि कोर्ट ने पिछले सप्ताह जिस तरह से व्यवस्था दी थी उसके अनुरूप ही सरकार विचार कर रही है। अधिकारी दिल्ली के लोगों के हितों को संतुलित रखने में जुटे हैं। सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस हेमंत गुप्ता भी शामिल हैं।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘यह कहा गया है (मुख्य सचिव द्वारा) कि कुछ विकल्पों पर चर्चा की जा रही है। कम से कम दो विकल्प उपलब्ध हैं और दो रणनीति पर भी सक्रियता से विचार किया जा रहा है ताकि समारोह में भोजन की उपलब्धता और अतिथियों की संख्या सीमित की जा सके। भोजन की गुणवत्ता भी बनी रहे।’ देव ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से चर्चा की है। लगता है कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल सहमत हैं।

सुप्रीम कोर्ट में मौजूद देव ने कहा कि सरकार कोर्ट की सोच की दिशा में ही काम कर रही है और उसका प्रयास दिल्ली की जनता के हितों में संतुलन कायम करना है। देव ने कहा कि उन्होंने इस मामले में उपराज्यपाल से चर्चा की है और ऐसा लगता है कि उपराज्यपाल के साथ इस विषय पर सहमति है।

उन्होंने कहा कि एक ओर हम मेहमानों को नियंत्रित कर सकते हैं और दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून के तहत कैटरर और बेसहारा लोगों को भोजन उपलब्ध कराने वाले गैर सरकारी संगठनों के बीच एक व्यवस्था बनायी जा सकती है। 

उन्होंने कहा कि प्राप्त सूचना के अनुसर दिल्ली में शादी विवाह समारोहों में बचा हुआ भोजन बर्बाद हो जाता है या फिर बचा हुआ भोजन कैटरर बाद में होने वाले शादी समारोहों में इस्तेमाल करते हैं। पीठ ने देव से कहा कि पहले इस मामले में एक नीति तैयार की जाये उसके बाद दूसरा बड़ा कदम ठीक से इस पर अमल करना होगा। दिल्ली सरकार के वकील ने नीति तैयार करने के लिये आठ सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में सारे कैटरर के पास लाइसेंस है और वे खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून के तहत पंजीकृत हैं। पीठ ने मुख्य सचिव को अगले छह सप्ताह के भीतर इस मामले में नीति तैयार करने का आदेश दिया और इसे पांच फरवरी को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव कह रहे हैं कि समारोहों में बासी खाने के सामान का इस्तेमाल होता है। ऐसे समारोहों में परोसे जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता के निरीक्षण की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

पीठ ने अपने आदेश में इस तथ्य का भी जिक्र किया कि मुख्य सचिव ने न्यायालय को सूचित किया है कि विवाह समारोहों में खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये एक रणनीति पर काम किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान उस मोटल से संबंधित मामले पर भी विचार किया गया जिसे अग्नि सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करने के कारण स्थानीय निकाय ने नोटिस दिया है। 

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