अमेरिका में ईरान पर वार्ता करने गए पाक विदेश मंत्री कुरैशी ने कश्‍मीर का रोना रोया – Shaurya Times | शौर्य टाइम्स http://www.shauryatimes.com Latest Hindi News Portal Sat, 18 Jan 2020 07:10:02 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.3 अमेरिका में ईरान पर वार्ता करने गए पाक विदेश मंत्री कुरैशी ने कश्‍मीर का रोना रोया http://www.shauryatimes.com/news/74617 Sat, 18 Jan 2020 07:10:02 +0000 http://www.shauryatimes.com/?p=74617 अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पा‍ेम्पिओ ने वाशिंगटन में पाकिस्‍तान के अपने समकक्ष से मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों समेत ईरान, अफगानिस्‍ता एवं कश्‍मीर पर चर्चा की। ईरान पर मध्‍यस्‍थता करने गए पाक के विदेश मंत्री अमेरिका में कश्‍मीर का राग अलापने लगे। उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को कश्‍मीर मामले में हस्‍तक्षेप करना चाहिए। 

इस मुलाकात में ईरान को लेकर दोनों नेताओं के बीच लंबी वार्ता हुई। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि पोम्पिओ और पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी से अफगान शांति प्रक्रिया के लिए अमेरिका-पाकिस्‍तान सहयोग के महत्‍व के बारे में बात की। बता दें‍ कि कुरैशी वाशिंगटन की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। इस दौरान वह अपने अमेरिका में समकक्ष पोम्पियो से मिले।

कुरैशी अमेरिकी सांसदों से भी मिले। शनिवार को वह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ-ब्रायन से मुलाकात करेंगे। इससे पहले उन्होंने सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के थिंक-टैंक को संबोधित किया और पाकिस्तान की मांग को दोहराया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करनी चाहिए। बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच उपजे तनाव के बीच पाकिस्‍तान ने तटस्‍थ रहते हुए दोनों देशों के बीच मध्‍यस्‍थता के लिए पेश किया है। इस क्रम में पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री अमेरिका के दौरे पर हैं। लेकिन यहां सवाल यह है कि क्‍या पाकिस्‍तान तटस्‍थ रह पाऐगा। उसके इस नीति पर सवाल उठने लगे हैं।

एेसे में यह सवाल पैदा हो रहा है कि क्‍या इस बार भी ईरान-अमेरिका संघर्ष में पाकिस्‍तान इस बार भी अमेरिका का साथ देगा। यह सवाल इ‍सलिए भी पैदा हो रहा है क्‍यों कि अफगानिस्‍तान में अमेरिकी जंग में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने अमेरिकी की मदद की थी। उस वक्‍त इमरान खान ने मुशर्रफ के फैसले का विरोध किया था। आज जब ईरान और अमेरिका संघर्ष में इमरान खान खुद प्रधानमंत्री हैं तो क्‍या वह अमेरिका का साथ नहीं देंगे। हालांकि, यदि पाकिस्‍तान के इतिहास पर नजर डाले तो साफ हो जाता है तो इसका फैसला प्रधानमंत्री से ज्‍यादा पाकिस्‍तान फौज करती है।

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